'केंद्र का सम्मान नहीं कर रही कर्नाटक सरकार, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे..', अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को DMK ने क्यों दी धमकी ?

'केंद्र का सम्मान नहीं कर रही कर्नाटक सरकार, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे..', अपनी सहयोगी पार्टी कांग्रेस को DMK ने क्यों दी धमकी ?
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चेन्नई: तमिलनाडु के जल संसाधन मंत्री दुरई मुरुगन ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार कावेरी नदी का पानी छोड़ने से इनकार करने पर कर्नाटक सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। दुरई मुरुगन ने कहा, "क्या कर्नाटक सरकार ने कभी कहा है कि वे (कावेरी) पानी छोड़ेंगे? नहीं! चाहे वहां अतिरिक्त पानी हो या पानी की कमी हो। कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड द्वारा पानी छोड़ने की सिफारिश करने के बाद भी उन्होंने इनकार कर दिया है।" उन्होंने कहा, "कर्नाटक सरकार केंद्र सरकार का सम्मान नहीं कर रही है। केवल सुप्रीम कोर्ट उनसे (कर्नाटक सरकार से) सवाल कर सकता है, इसलिए हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।"

मंत्री दुरई मुरुगन का बयान कावेरी जल विनियमन समिति द्वारा तमिलनाडु को मई महीने के लिए 2.5TMC पानी छोड़ने की सिफारिश के बाद आया है, क्योंकि राज्य अत्यधिक गर्मी की शुरुआत के कारण गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है। पिछले अक्टूबर में, कर्नाटक सरकार ने CWRC के निर्देशानुसार पड़ोसी तमिलनाडु को पानी छोड़ने में राज्य की 'असमर्थता' व्यक्त करते हुए कहा था कि उसके कावेरी बेसिन में पर्याप्त पानी नहीं है। CWRC ने तब कर्नाटक को 1 नवंबर, 2023 से 15 दिनों के लिए तमिलनाडु को प्रति दिन 2,600 क्यूसेक पानी छोड़ने की सिफारिश की थी। उस महीने की शुरुआत में, तमिलनाडु में किसान समूहों ने अपर्याप्त जल आपूर्ति के कारण फसल क्षति के विरोध में राज्य में बंद का आह्वान किया था।

अपने विरोध प्रदर्शन के माध्यम से, किसानों ने तमिलनाडु को पर्याप्त मात्रा में कावेरी जल जारी करने की अपनी मांग पर जोर दिया। इस बीच, इस साल मार्च में, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु को शहर में गंभीर पेयजल संकट के बीच 2,600 एमएलडी की वास्तविक आवश्यकता के मुकाबले प्रति दिन 500 मिलियन लीटर पानी (एमएलडी) की कमी का सामना करना पड़ रहा था। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया था कि 'बेंगलुरु में 14,000 बोरवेल में से 6,900 सूख गए हैं।'

बता दें कि, कर्नाटक में इस वक़्त कांग्रेस की सरकार है, वहीं तमिलनाडु में DMK की, ये दोनों ही दल विपक्षी गट INDIA गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन फिलहाल पानी को लेकर लड़ रहे हैं। ये दोनों सरकारें, अक्सर एकजुट होकर केंद्र सरकार पर हमला करती नज़र आती हैं, लेकिन अब DMK सरकार का कहना है कि, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार, केंद्र का सम्मान नहीं कर रही है। वहीं, आलोचक ये भी सवाल उठा रहे हैं कि, जब INDIA गुट के दो घटक दल, पानी की ही समस्या को आपस में बातचीत कर नहीं सुलझा पा रहे हैं, तो वे देश की समस्याओं को कैसे सुलझाएंगे ?

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