पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के एक प्रमुख आरोपी की जमानत याचिका को हाल ही में रद्द कर दिया गया है। जी दरअसल इस याचिका को कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज किया है। 50 साल के आरोपी मोहन नायक, जिसने कथित तौर पर हत्या को अंजाम देने में एक ‘क्राइम सिंडिकेट’ को लॉजिस्टिक सपोर्ट किया था और सिंडिकेट का एक अभिन्न अंग था। जी दरअसल इसने 22 अप्रैल को कई मामलों में जमानत मांगी थी। वहीँ केसीओसीए के आरोपों और मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (SIT) द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने में कथित देरी के आरोप हैं।
आपको बता दें कि जस्टिस श्रीनिवास हरीश कुमार की एकल न्यायाधीश पीठ ने फैसला सुनाया है कि नायक, जो हत्या के मामले में आरोपी नंबर 11 है, इस आधार पर जमानत नहीं मांग सकता कि एसआईटी ने उसके खिलाफ केवल 23 नवंबर, 2018 को चार्जशीट दायर की थी। 90 दिनों से अधिक समय बाद 19 जुलाई, 2018 को उसकी गिरफ्तारी हुई थी। चूंकि चार्जशीट दायर होने के बाद ही जमानत याचिका दायर की गई थी। आप सभी को हम यह भी बता दें कि हाई कोर्ट ने 13 जुलाई के आदेश में कहा था कि अदालत की एक अन्य पीठ ने केसीओसीए आरोपों को छोड़ने का आदेश देने के बावजूद आरोप पत्र दाखिल करने की समय सीमा 180 दिन है।
वहीँ 22 अप्रैल को अपने आदेश के माध्यम से, नायक जमानत का लाभ नहीं उठा सकता है। इसी के साथ लंकेश की बहन कविता लंकेश ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। 29 जून को, SC ने इस मामले में राज्य और SIT को नोटिस जारी किया और कहा कि KCOCA मामले में नायक द्वारा HC में दायर की गई जमानत याचिका पर “आक्षेपित आदेश से प्रभावित हुए बिना निर्णय” लिया जाना चाहिए।
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