नई दिल्ली: हिजाब विवाद को लेकर कर्नाटक उच्च न्यायालय में आज (18 फरवरी, 2022) 6वें दिन फिर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता पक्ष के वकीलों ने अदालत के सामने अपनी दलीलें रखीं। हालाँकि, आज भी इस मामले पर कोई फैसला नहीं आ सका और कोर्ट में सुनवाई कल भी जारी रहेगी। आज अदालत में बाकी बची 7 याचिकाओं के आधार पर ही सुनवाई हुई। आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल (AG) ने कहा कि हिजाब इस्लाम का आवश्यक हिस्सा नहीं है।
बता दें कि 14 फरवरी से लगातार मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित, न्यायमूर्ति जैबुन्निसा मोहियुद्दीन काजी की बड़ी बेंच इस मामले को सुन रही है। इससे पहले अदालत में छात्राओं की ओर हिजाब के पक्ष में दलीलें दी गईं थीं। मामले में सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए एडवोकेट जनरल ने कहा कि, '2018 में यूनिफार्म निर्धारित थी। दिसंबर 2021 तक कोई परेशानी नहीं आई। अचानक छात्राओं के एक समूह जो याचिकाकर्ता भी हैं, उन्होंने प्रिंसिपल से संपर्क किया और जोर देते हुए कहा कि वे हिजाब पहनकर कॉलेज में आएँगी।
एडवोकेट जनरल ने आगे कहा कि 31 दिसंबर से यह घटना उस समय हुई, जब कुछ लड़कियों ने प्रिंसिपल के पास जाकर कहा कि वे हिजाब पहनकर ही कॉलेज में आएंगी। जब यह जिद हुई तो CDC ने जाँच करना चाहा। CDC का नेतृत्व विधायक ने 01.01.2022 को किया। वहीं कल की सुनवाई में 5 छात्राओं के वकील एएम डार ने अदालत से माँग करते हुए कहा कि सरकार के आदेश से उन लोगों पर असर पड़ेगा जो हिजाब पहनते हैं। यह असंवैधानिक है।
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