बैंगलोर: कर्नाटक के हासन जिले में 38 बंदरों की मौत के मामले में उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया है. हासन जिले के बेलूर तालुक के अंतर्गत आने वाले चौदानहल्ली गांव में गुरुवार तड़के लगभग 38 मृत बंदर पाए गए थे. बताया जा रहा है कि बंदरों को बोरियों में भरकर चौदानहल्ली के पास सड़क किनारे फेंक दिया गया था. इससे पहले उन्हें जहर दिया गया था. बाद में इन्हें बोरों में बंद कर पीटा गया था. बोरी खोलने पर लगभग 20 बंदर जिंदा मिले थे. इस मामले में 4 अगस्त को सुनवाई होगी.
शुक्रवार को उच्च न्यायालय ने मामले में जनहित याचिका पर कार्रवाई शुरू की. अदालत ने इस मामले में जिला प्रशासन, वन विभाग और पशु कल्याण बोर्ड को प्रतिवादी बनाया. मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका और न्यायमूर्ति एन एस संजय गौड़ा की पीठ ने इस मामले को 'परेशान करने वाला' बताकर स्वत: संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्रार जनरल को जनहित याचिका दर्ज करने का आदेश दिया है. उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा, सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के तहत अदालत का इस मुद्दे पर सज्ञान लेना जरुरी है.
बेलूर तालुक के चौदानहल्ली गांव में स्थानीय लोगों को बोरों में बंदर मिले थे. इसके बाद इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दी गई थी. जानकारी के अनुसार, इन्हें जहर देकर पीटा गया था. हालांकि, 20 जानवर जीवित थे. इन्हें ग्रामीणों ने फ़ौरन पानी दिया. इसके बाद वे वहां से चले गए. कुछ ग्रामीणों का कहना है कि बंदरों को बोरियों में भरकर उन पर हमला किया गया होगा. उन्होंने बताया कि बोरी खोलने पर जो कुछ बंदर जिन्दा थे, वे बुरी प्रकार हांफ रहे थे और हिलने-डुलने में असमर्थ थे.
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज हीराकुंड सिलवासा और मुंद्रा संयंत्रों में करेगी इतने करोड़ निवेश
बड़ी खबर: PayTM 20 हजार सेल्स एग्जिक्यूटिव करेगा नियुक्त
आर्थिक सलाहकार ने कहा- "आर्थिक सुधारों के कारण इस दशक में भारत को 7 प्रतिशत..."