नई दिल्ली: कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। यहाँ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। आज यानी बुधवार को भी इस मामले पर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। यहाँ सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि, 'प्रदेश में हिजाब पहनने पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि स्कूल-कॉलेजों में सिर्फ यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया गया है।' आप सभी को बता दें कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
जी दरअसल शीर्ष अदालत ऐसी 23 याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रही है और इनमें से कुछ रिट याचिकाएं भी हैं। बीते समय से चले आ रहे हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कर्नाटक सरकार की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज अदालत में पेश हुए। यहाँ सुनवाई के दौरान कर्नाटक का पक्ष रखते हुए उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य ने हिजाब पर प्रतिबंध नहीं लगाया है। इस दौरान ASG केएम नटराज ने कहा, ‘राज्य (सरकार) ने हिजाब पहनने पर रोक नहीं लगाई है। सिर्फ यूनिफॉर्म पहनने का निर्देश दिया है, जिसका धर्म से कोई लेनादेना नहीं है। राज्य सरकार न तो किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधि को बढ़ावा देती है और न ही उसे प्रतिबंधित करती है।’ आप सभी को बता दें कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनकी एक साथ सुनवाई की जा रही है।
जी दरअसल, कर्नाटक सरकार ने प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पहनने पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के खिलाफ कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जी दरअसल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाली पूर्ण पीठ ने इस मामले की सुनवाई की थी। वहीं पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि इस्लाम में महिलाओं द्वारा हिजाब पहनने को जरूरी नहीं बताया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने आगे कहा था कि शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड लागू करने की सलाह या निर्देश दिना मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है।
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