बैंगलोर: हनुमान जन्मोत्सव के पर्व पर कर्नाटक के हुबली पुलिस स्टेशन पर मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए गए हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। कन्नड़ अख़बार ‘विजयवाणी’ की एक रिपोर्ट में दावा किया है कि है कि शनिवार को मौलाना वसीम मोबालिक उर्फ पठान ने ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर भड़काऊ भाषण देते हुए मुस्लिमों को उकसाया, जिसकी वजह से हुबली पुलिस थाने पर हमला हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, मौलाना वसीम को ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर हुबली के पुलिस आयुक्त की कार पर चढ़कर भड़काऊ भाषण देते देखा गया था।
अब पुलिस को इस बात का संदेह है कि मौलाना के उकसाने पर ही इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने ही हुबली पुलिस स्टेशन के पास स्थित एक मंदिर और अस्पताल में पथराव किया था। मौलाना की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसमें नीले रंग का कपड़ा पहने मौलाना एक ऊँची जगह पर खड़ा होकर लोगों को भड़काता नज़र आ रहा है। इसी के बाद जिले में बड़े पैमाने पर दंगे भड़क उठे। पुलिस ने कमिश्नर की कार पर चढ़कर भड़काऊ भाषणबाजी करने वाले मौलाना के वीडियो जमा कर लिए हैं। इस वीडियो में वसीम के बगल में स्थानीय कांग्रेस नेता अल्ताफ हल्लूर को भी उसे भड़काऊ भाषण देने के लिए प्रोत्साहित करते देखा जा सकता है।
बताया जा रहा है कि मौलाना वसीम ने पहले हुबली की एक दरगाह पर भड़काऊ भाषण दिया और इसके बाद उसने पुलिस स्टेशन के बाहर भी यही किया। उसके उकसावे में आकर हुबली पुलिस स्टेशन के बाहर 200 से ज्यादा कट्टरपंथी मुस्लिम जमा हो गए थे। वहीं भीड़ को उकसाने के बाद मौलाना खुद मौके से भाग गया। अब पुलिस उसकी खोज कर रही है। इस बीच, पुलिस ने हिंसा के मामले में 120 से ज्यादा संदिग्धों को अरेस्ट किया है। इस अभियान के लिए 8 स्पेशल टीमें बनाई गई हैं। वहीं पुलिसिया कार्रवाई के बाद कई आरोपित गायब हो गए हैं।
बता दें कि, सोशल मीडिया पर एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें एक मौलवी मुस्लिम कट्टरपंथियों को सम्बोधित करते हुए उन्हें भड़काऊ वीडियो को सोशल मीडिया पर नहीं डालने की सलाह दे रहा है। उसे इस बात का डर था कि वीडियो के जरिए पुलिस दंगाइयों की शिनाख्त कर लेगी। ऑडियो में मौलवी कह रहा है कि, 'पुलिस हमारे लोगों को पहचान लेगी और वे उन्हें अरेस्ट कर लेंगे। हमारे लोगों को निशाना बनाया जाएगा और जेल भेजा जाएगा। कल जो कुछ भी हुआ वह अल्लाह के आशीर्वाद के चलते हुआ है।'
पुलिस निरीक्षक जगदीश की शिकायत पर हुबली थाने पर हमले के मामले में दंगाइयों की भीड़ के खिलाफ दो मुक़दमे दर्ज किए गए थे। जगदीश के अनुसार, मुस्लिम दंगाइयों की भीड़ ने उन पर भी हमला किया था, जिसके चलते उन्हें अपनी जान बचाकर भागना पड़ा। उन्हें ओल्ड हुबली थाने के कर्मियों को बचाने की ड्यूटी दी गई थी। जगदीश ने कहा कि, 'भीड़ ने हमें घेर लिया था औऱ हम जीप में बैठ गए। मुस्लिम भीड़ ने हमें हमारा काम करने से रोका और मार डालने की भी धमकी दी। ओल्ड हुबली महिला थाने के बाहर भीड़ इकठ्ठा हो गई थी। हमें उच्च अधिकारियों से वहाँ जाने के आर्डर मिले। रात 10.30 बजे हम अरविंद नगर के लिए रवाना हुए। 100-150 लोगों की भीड़ ने हमें रोक दिया। भीड़ के पास धारदार हथियार, रॉड और पत्थर थे।' बता दें कि हुबली में कट्टरपंथियों ने एक व्हाट्सएप पोस्ट को लेकर हिंसा भड़काई थी।
जहांगीरपुरी हिंसा से एक दिन पहले ही लाठियों क्यों इकठ्ठा करने लगे थे लोग ? CCTV में मिला अहम सुराग
'अबू सलेम को रिहा करने के बारे में 2030 में सोचेंगे..', सुप्रीम कोर्ट में गृह मंत्रालय का जवाब