बेंगलुरु: भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण केसों के साथ ही निरंतर टेस्टिंग की क्षमता को भी बढ़ाया जा रहा है. इसी दौरान कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मिनिस्टर के सुधाकर ने बुधवार को बोला है कि अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ाते हुए, कर्नाटक हर रोज 50,000 से ज्यादा टेस्ट को देख रहा है, और अब तक 25 लाख से जायद परीक्षण कर चुका है.
उन्होंने आगे बोला है कि प्रदेश ने तेजी से बढ़ोतरी की है, यह आज की क्षमता को बढ़ाकर लैब के आंकड़ें को 02 से बढ़ाकर 108 कर रहा है. बीते 5 दिनों में, हमने हर रोज 50,000 से ज्यादा परीक्षणों संग 3,23,753 टेस्ट किए. कल हमने 25 लाख परीक्षणों को पार कर लिया और अब तक हमने 25,13,555 टेस्ट किए. . मिनिस्टर ने हाल ही में बोला था कि गवर्नमेंट जल्द ही हर रोज 75,000 टेस्ट को बढ़ाने की योजना बना रही है.
बता दें की बढ़ते परीक्षण के उद्देश्य से एक स्टेप के तौर में, प्रदेश COVID टास्क फोर्स ने हाल ही में रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (RT-PCR) परीक्षणों की लागत में पांच सौ रुपये की कमी की है. सरकारी हॉस्पिटलों को निजी करने के लिए संदर्भित RT-PCR परीक्षणों की लागत प्रयोगशालाओं को दो हजार रुपये से घटाकर 1,500 रुपये कर दिया गया है और निजी लैब्स में सीधे जाने वालों के लिए लागत तीन हजार रुपये से घटाकर 2,500 रुपये कर दी गई है. टेस्ट को तेज करने के उद्देश्य से इस माह के प्रारंभ में टास्क फोर्स ने बीस लाख नए रैपिड एंटीजन टेस्ट किट और अठारह लाख आरटी-पीसीआर परीक्षण किट खरीदने का निर्णय लिया था.
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