बैंगलोर: एक दुखद घटना में, कर्नाटक के चिक्कमगलुरु जिले में एक महिला किसान ने ऋण चुकाने के लिए एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों द्वारा कथित तौर पर परेशान किए जाने के बाद आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 64 वर्षीय देवीरम्मा के रूप में हुई है और यह घटना कडुरू तालुक के अंतर्गत आने वाले तंगली गांव की है।
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित ने ग्रामीण कूटा फाइनेंस कंपनी से महज 78 हजार रुपये का लोन लिया था। लेकिन, फसल बर्बाद होने के कारण वह संकट में थी, इसलिए वह केवल एक महीने से किस्त नहीं चुका सकी। इसके बाद से कंपनी के कर्मचारी हर हफ्ते उसके घर आ रहे थे और उसे परेशान कर रहे थे और कर्ज चुकाने के लिए दबाव डाल रहे थे। प्रताड़ना बर्दाश्त न कर पाने पर महिला किसान ने अपने घर में ही फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार है, जो इस समय मध्यप्रदेश और राजस्थान के चुनावों में किसानों के कर्जे माफ करने का वादा कर रही है। ऐसे में लोग सवाल कर रहे हैं कि, जहाँ पार्टी सत्ता में है, वहां महिला किसान का मात्र 78 हज़ार का कर्ज माफ क्यों नहीं किया गया ? केवल एक महीने की क़िस्त चुकने पर उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि, उन्हें आत्मघाती कदम उठाना पड़ा।
माइक्रोफाइनेंस कंपनी के कर्मचारी शंकर नायक, उषा और रूबीना के खिलाफ कदुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि, राज्य की सिद्धारमैया सरकार ने चिक्कमगलुरु को सूखा प्रभावित जिला घोषित कर दिया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सूखे की वजह से अब तक तीन किसानों ने आत्महत्या कर ली है।
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