गणेशोत्सव पर सवाल, नमाज़ के लिए 'स्कूलों' में चाहिए अलग कमरा.., कर्नाटक में मुस्लिमों की नई मांग

गणेशोत्सव पर सवाल, नमाज़ के लिए 'स्कूलों' में चाहिए अलग कमरा.., कर्नाटक में मुस्लिमों की नई मांग
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बैंगलोर: कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने खिलाफ मुस्लिम संगठनों ने मोर्चा खोल दिया हैं। शैक्षणिक संस्थानों में गणेश चतुर्थी मनाने की इजाजत दिए जाने को लेकर नागेश का इस्तीफा माँगा जा रहा है। वक्फ बोर्ड ने गण्शोत्सव के फैसले पर नाराजगी प्रकट हुए शैक्षणिक संस्थानों में नमाज पढ़ने के लिए अलग रूम और मुस्लिम त्योहारों को मनाने की इजाजत देने की माँग की है। वहीं कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आठवुल्ला पुंजालकट्टे (Athavulla Punjalkatte) ने शिक्षा मंत्री का इस्तीफा माँगा है। वहीं, कट्टरपंथी संगठन PFI की स्टूडेंट विंग CFI ने मंत्री के फैसले को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण करार दिया है। CFI ने ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'शिक्षा मंत्री को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बुनियादी ढाँचे के विकास पर फोकस करना चाहिए न कि सांप्रदायिक नीतियों और बयानों पर।'

दरअसल, बेंगलुरु में गुरुवार (18 अगस्त 2022) को एक प्रेस वार्ता में नागेश ने कहा था कि, 'स्कूलों को प्रति वर्ष की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी मनाने की पूरी स्वतंत्रता है। यह एक गैर-धार्मिक आयोजन है, जो समाज को एकजुट करता है।' शिक्षा मंत्री ने स्कूलों में गणेश चतुर्थी मनाने की इजाजत देते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता से पहले से भी स्कूलों में इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित होते थे। साथ ही उन्होंने स्कूलों में अन्य धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने से साफ़ मना कर दिया। 

उन्होंने कहा कि, 'गणेशोत्सव इस देश में स्वतंत्रता आंदोलन के हथियार के तौर पर शुरू हुआ था। इससे पहले गणपति पूजा घरों के भीतर की जाती थी। बाल गंगाधर तिलक के आह्वान पर स्कूलों, छात्रावासों और सार्वजनिक स्थानों पर गणपति उत्सव की शुरुआत हुई थी। इस प्रकार की परंपरा कई पीढ़ियों से चली आ रही हैं और इसे रोकने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। हमने धार्मिक प्रथाओं के लिए कोई नई इजाजत नहीं दी है।' शिक्षा मंत्री के स्पष्टीकरण के बाद भी मुस्लिम संगठनों का आक्रोश नहीं थम रहा है। वे इसे हिजाब मामले में हाई कोर्ट के फैसले से जोड़कर देख रहे हैं। बता दें कि, उच्च न्यायालय ने कक्षाओं के भीतर हिजाब और भगवा शॉल समेत सभी धार्मिक प्रतीकों के उपयोग पर रोक लगा दी थी। 

कर्नाटक वक्फ बोर्ड के प्रमुख शाफी सादी ने सरकार के इस कदम का विरोध करते हुए कई माँगे रखी हैं। उन्होंने मुस्लिम त्योहार मनाने की अनुमति देने और छात्रों को हर दिन नमाज पढ़ने के लिए एक अलग रूम देने की माँग की है। उनका कहना है कि बच्चों के लिए धर्मों के आधार पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। बच्चों की नैतिक शिक्षा की नींव मजबूत करने के लिए उन्हें मजहबी शिक्षा दी जानी चाहिए। वहीं, श्रीराम सेना के चीफ प्रमोद मुतालिक ने वक्फ बोर्ड के माँगों की निंदा करते हुए सरकार से इसे खारिज करने को कहा है। मुतालिक ने कहा है कि, 'आज वे स्कूलों में नमाज की इजाजत माँग रहे हैं, कल शुक्रवार को अवकाश की माँग करेंगे। स्कूलों के इस इस्लामीकरण की इजाजत सरकार को नहीं देनी चाहिए।'

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