बैंगलोर: हिजाब मुद्दे पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सूबे में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। इस मामले में कर्नाटक पुलिस ने जबरदस्ती दुकानें बंद करवाने के आरोप में एक वकील सहित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के मुताबिक, भटकल थाने में अजीम अहमद, मोहिद्दीन अबीर, शारिक और वकील तैमूर हुसैन गवई के खिलाफ FIR दर्ज की गई हैं।
पुलिस ने IPC की धारा 143, 147 और 290 के तहत ये मामले दर्ज किए हैं। जानकारी के अनुसार, हिजाब विवाद पर कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ आरोपितों ने मंगलवार (15 मार्च 2022) को जबरदस्ती दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद करा दिए थे। तटीय शहर भटकल को सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील इलाका माना जाता है। यह उडुपी से 90 किलोमीटर दूर है, जहाँ से हिजाब विवाद ने जोर पकड़ा था। बता दें कि आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर यासीन भटकल का जन्म भी इसी इलाके में हुआ था। ऐसे में भटकल में कट्टरपंथ अधिक है। इसे देखते हुए पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है।
भटकल में ‘तंजीम’ संगठन ने कस्बे में बंद का आह्वान किया था और कई व्यापारियों ने अपनी इच्छा से अपनी दुकानें बंद कर दी थीं। सत्ताधारी भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में हिजाब विवाद को बढ़ाने के पीछे PFI, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDFI) और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) का हाथ है। वहीं, मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार (17 मार्च 2022) को कर्नाटक बंद की घोषणा की है। इसके लिए बाकयदा फतवा भी जारी किया गया है। कर्नाटक के अमीर-ए-शरीयत मौलाना सगीर अहमद खान रश्दी ने उच्च न्यायालय के फैसले पर दुख प्रकट करते हुए इसके विरोध में तमाम मुस्लिम संगठनों से कर्नाटक बंद के लिए अपील की। उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए फतवे को ध्यान से पढ़ने और बंद में भागीदार बनने की अपील की। बता दें कि सगीर ने कर्नाटक बंद का ऐलान ऐसे वक़्त में किया है, जब हिजाब विवाद के चलते पूरे कर्नाटक में 21 मार्च तक धारा 144 लागू है।
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