संध्या आरती में बदली सलाम आरती, जानिए क्या है माजरा?

संध्या आरती में बदली सलाम आरती, जानिए क्या है माजरा?
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बेंगलुरु: कर्नाटक के सभी मंदिरों में होने वाली 'सलाम आरती' को अब 'संध्या आरती' के नाम से जाना जाएगा। जी हाँ, मिली जानकारी के तहत हिंदू मंदिरों की देखरेख करने वाली सर्वोच्च सरकारी संस्था ने बीते शनिवार को छह महीने पुराने एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जी हाँ और इसमें टीपू सुल्तान के शासनकाल के समय से फारसी नाम से पुकारे जाने वाली इस परंपरा का नाम बदलकर संस्कृत में रखने की मंजूरी दी गई है।

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इस मामले में मिली जानकारी के तहत राज्य धार्मिक परिषद के सदस्य और विद्वान काशेकोडी सूर्यनारायण भट्ट ने पहले कहा था कि यह नाम टीपू के शासनकाल के दौरान हिंदू मंदिरों पर थोपे गए थे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा था कि सलाम शब्द हमारा नहीं है। भाजपा शासित राज्य में मांड्या जिला प्रशासन ने मेलकोट में ऐतिहासिक चालुवनारायण स्वामी मंदिर से प्राप्त नामांतरण प्रस्ताव को परिषद को सौंप दिया गया था।

आपको बता दें कि मेलकोट मंदिर हैदर अली और बेटे टीपू के शासनकाल से हर दिन शाम 7 बजे 'सलाम आरती' आयोजित कर रहा था। बीते शनिवार को लिए गए इस फैसले के बाद बाद अब कर्नाटक के हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग (मुजरई) को अब सीएम बसवराज बोम्मई से अंतिम मंजूरी मिलने का इंतजार है। वहीं इसके बाद केवल मेलकोट में बल्कि कर्नाटक के सभी मंदिरों में आरती का नाम बदलने का एक आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।

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