बैंगलोर: कर्नाटक के शिवमोगा जिले में अल्पसंख्यक समुदाय के छह बदमाशों ने गुरुवार (7 अप्रैल 2022) को एक फूल विक्रेता को चाकू मार दिया। 6 लोगों की भीड़ का मुखिया तौसीफ नमक युवक बताया जा रहा है। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपितों को अरेस्ट कर लिया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला शिवमोगा के न्यू मंडली मोहल्ले का है। मोहल्ले का निवासी 22 वर्षीय मधु फूल मंडी में एक व्यापारी को फूल देकर अपने घर वापस आ रहा था। इसी दौरान बदमाशों ने उसे रोका और बुरी तरह से मारा। मारपीट के दौरान ही उसे चाकू मार दिया गया।
बताया जाता है कि कुछ महीने पहले मधु ने तौसीफ और उसके साथियों द्वारा सार्वजनिक स्थान पर ‘गांजा’ पीने को लेकर आपत्ति जाहिर की थी। मधु ने इसके खिलाफ शिकायत भी दी थी। पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी प्रसाद ने बताया कि इससे नाराज तौसीफ और गिरोह ने गुरुवार को शिवमोग्गा की सड़कों पर दिनदहाड़े मधु पर धारदार हथियार से हमला कर किया। मधु किडनी की बीमारी से पीड़ित हैं और कुछ हफ्ते पहले ही उनका ऑपरेशन हुआ था। तौसीफ और उसके साथियों ने ऑपरेशन वाली जगह पर ही चाकू मारा है। हमले के दौरान मधु किसी प्रकार अपनी बाइक से स्थानीय अस्पताल पहुँचे। बाद में उन्हें मैकगैन अस्पताल में एडमिट कराया गया।
इस मामले को लेकर पत्रकार चिरू भट ने बताया है कि हमलावरों के पास तलवार जैसे हथियार थे और उन्होंने भाग रहे मधु का कुछ दूर तक पीछा भी किया था। घटना की सूचना मिलने के बाद कई हिंदू संगठन और कार्यकर्ता मधु से मिलने के लिए हॉस्पिटल पहुँचे। उन्होंने आरोप लगाया कि मधु पर उनके धर्म की वजह से हमला किया गया है। इन लोगों ने तौसीफ और उसके गिरोह पर कड़ी कार्रवाई की माँग की। मामले की संवेदनशीलता के मद्देनज़र पुलिस ने मामला दर्ज कर चार आरोपितों को अरेस्ट कर लिया है।
हर्षा की भी हुई थी हत्या :-
बता दें कि मधु पर हमले के लगभग डेढ़ माह पहले मुस्लिमों की भीड़ ने इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए हिंदू कार्यकर्ता हर्षा को चाकू मार दिया था। कर्नाटक के शिवमोगा जिले के कामत पेट्रोल पंप के पास 20 फरवरी की रात को मुस्लिम युवकों की भीड़ ने हर्षा का चाकू मारकर क़त्ल कर दिया था। हर्षा सीगेहट्टी के निवासी थे और दर्जी का काम करते थे। हर्षा हिंदू संगठन बजरंग दल से संबंधित थे और स्कूल-कॉलेज के यूनिफॉर्म के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान भगवा शॉल ओढ़े देखा गया था। उनके एक दोस्त ने बताया था कि हर्षा कुछ सप्ताह से इन लोगों के टारगेट पर थे और उनकी हत्या एक ‘सुनियोजित साजिश’ थी। सोशल मीडिया ‘ईशनिंदा’ की एक पोस्ट को लेकर कट्टरपंथियों ने उन्हें 2015 में धमकी भी दी थी। बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की निर्मम हत्या के बाद जिले में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ था। इसके चलते सरकार ने जिला में कर्फ्यू लगा दिया था और सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करा दिया था।
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