नई दिल्लीः कर्नाटक में कुछ माह पहले सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस अब तक नेता विपक्ष के पद पर किसी जनाधार वाले नेता को बैठाने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक इस पद पर पार्टी आलाकमान पूर्व सीएम सिद्धारमैया को बैठा सकती है। राज्य में पार्टी का सियासी प्रभाव कायम रखने के लिए हाईकमान को सिद्धारमैया से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नजर नहीं आ रहा है। इसीलिए कांग्रेस नेतृत्व ने सिद्धारमैया को कर्नाटक में विपक्ष का नेता बनाने का मन लगभग बना लिया है।
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गुटों में बंटी कर्नाटक कांग्रेस के तमाम नेताओं से विचार-विमर्श और जमीनी फीड बैक लेने के बाद हाईकमान का साफ आकलन है कि भाजपा की आक्रामक सियासत और मुख्यमंत्री येदियुरप्पा से मुकाबले के लिए सिद्धारमैया से ज्यादा प्रभावी पार्टी का कोई दूसरा नेता नहीं है। हालांकि मल्लिकार्जुन खड़गे, वीरप्पा मोइली के अलावा पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वरन ही नहीं गांधी परिवार के निकट माने जाने मुनियप्पा जैसे वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया को प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व एक बार फिर सौंपे जाने पर एतराज जता रहे हैं।
सिद्धारमैया को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाकर नेता विपक्ष बनाने की पहल का विरोध कर रहे इन नेताओं का तर्क है कि पूर्व मुख्यमंत्री ने बीते करीब दस साल से कर्नाटक कांग्रेस को अपने हिसाब से चलाया। पिछले विधानसभा में हाईकमान ने उन्हें खुली छूट दी मगर वे सूबे में पार्टी की सत्ता बचाने में नाकाम रहे। इतना ही नहीं कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार को बचाने में भी वे कामयाब नहीं रहे और उनके कुछ खास समर्थक कांग्रेस विधायकों ने ही पाला बदल सरकार गिरवाई। इस सबके बावजूद भी पार्टी आलाकमान की पहली पसंद सिद्धारमैया को बताया जा रहा है।
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