नई दिल्लीः कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के दिनों में काफी तानातनी हुई है। बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के साथ कई संबंधों को खत्म कर दिया। लेकिन उसने करतारपुर कॉरिडोर पर अपना रूख सकारात्मक बनाए रखा। पाकिस्तान इन दिनों भयानक आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। उसकी अर्थव्यवस्था लगभग विदेशी मदद पर निर्भर है। जिसके कारण वह भारी कर्ज में फंसा हुआ है। इसिलिए पाकिस्तान अब इस कॉरिडोर से धन उगाहना चाहता है। वह भारतीय सिख श्रद्धालुओं से इस पवित्र स्थल के भ्रमण के लिए वसूली करने पर अड़ा हुआ है।
उसने भारत को भेजे अंतिम मसौदे में करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए आने वाले भारतीय श्रद्धालुओं से 3120 पाकिस्तानी रुपये (20 डॉलर) वसूलने का प्रस्ताव बरकरार रखा है। हालांकि भारत पहले भी इस प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति जता चुका है। दरअसल, सिख श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में हर साल करतारपुर आने को देखते हुए इस्लामाबाद इसे अपनी कमाई का अच्छा मौका मान रहा है। पाकिस्तान के अंतिम मसौदे के मुताबिक, हर कोई बिना किसी पाबंदी के करतारपुर कॉरिडोर का इस्तेमाल कर सकता है।
भारत को कम से कम 10 दिन पहले श्रद्धालुओं की एक सूची पाकिस्तान को सौंपनी होगी और इस पर वह 4 दिन में जवाब देगा। करतारपुर साहिब जाने वाले सभी श्रद्धालुओं को जीरो प्वाइंट पर परिवहन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। पाकिस्तान की ओर से अभी करतारपुर कॉरिडोर के खोलने की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। वहीं केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने 12 अक्तूबर को ट्वीट कर कहा था कि पीएम मोदी 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे।
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