पटना: शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही किडनेपिंग केस को लेकर वारंट विवाद में घिरे बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार ने बुधवार (31 अगस्त) को देर शाम इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा सीएम नीतीश कुमार सौंपा, जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए गवर्नर फागू चौहान को अपनी सिफारिश भेज दी है। इसके बाद सीएम नितीश कुमार ने गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को सौंप दिया है।
बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार का विभाग बुधवार को ही बदल दिया गया था। उन्हें गन्ना उद्योग विभाग दिया गया था। साथ ही शमीम अहमद को बिहार का नया कानून मंत्री बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि, बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही कानून मंत्री को लेकर सवाल खड़े हो रहे थे। विपक्ष नीतीश पर काफी हमलावर था। दरअसल, कार्तिक कुमार को एक किडनेपिंग केस में अदालत में सरेंडर करना था, मगर उसी दिन उन्होंने राजभवन पहुंच कर मंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली। अदालत की नजर में वो 8 वर्षों से फरार थे। लालू कोटे से मंत्री बने कार्तिक ने विवाद पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मैंने अपने शपथपत्र में सब कुछ दिया है।
वहीं, दूसरी तरफ सीएम नीतीश कुमार ने कार्तिक पर आरोपों के बारे में जानकारी होने से साफ़ इनकार कर दिया था। मंत्री द्वारा कहा गया था कि 19 सितंबर 2018 पुलिस ने इस केस में क्लोजर रिपोर्ट दी है। पुलिस ने सभी जांच के बाद माना था कि इस मामले में उनका हाथ नहीं है। बता दें कि कार्तिक को बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। 2005 के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह करीब आए थे और इसके बाद उनका कद बढ़ता गया। MLC चुनाव में कार्तिक कुमार ने JDU प्रत्याशी वाल्मीकि सिंह को पटना में शिकस्त दी थी। लालू प्रसाद ने बतौर MLC प्रत्याशी खुद ही कार्तिक के नाम की घोषणा की थी। सियासी गलियों में ये भी चर्चा है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया।
भ्रष्टाचार पर ED का समन ममता के लिए 'खुली हिंसा'.., लेकिन रेप-मर्डर और पलायन पर 'दीदी' मौन
'गंदा हिंदू' बोलकर भारतीय मूल के शख्स के मुंह पर थूका