कहा जाता है कार्तिक महीने में सूर्य सबसे कमजोर हो जाता हैं इस कारण से इस समय ऊर्जा और प्रकाश दोनों ही कमजोर हो जाता हैं। कहते हैं इस कारण इस समय दीपक जलाकर व्यक्ति ईश्वर, ऊर्जा और प्रकाश से संबंध स्थापित करते हैं और दीपक से ईश्वर की कृपा ऊर्जा और समृद्धि सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं और कार्तिक मास में किया गया दीपदान कभी भी निष्फल नहीं जाता हैं.
आपको बता दें इस महीने में अलग-अलग मुखी दीपक जलाकर अलग-अलग तरह की मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. इसी के साथ अब आज हम आपको कार्तिक के महीने में दीपदान से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. ध्यान रखे दीपक जलाते समय सर खुला न रखें और पूर्व या फिर पश्चिम दिशा की ओर मुह करके ही दीपक जलाएं. इसी के साथ कभी भी घर में सरसों के तेल का दीपक न जलाएं और घर में तिल के तेल का या घी का दीपक जलाएंं. इसी के साथ दीपक को मुह से फूंककर न बुझाएं, अगर बुझाना ही हैं, तो आंचल या कपड़े से हवा करके बुझाएं.
इसी के साथ कार्तिक महीने आते ही खानपान में भी कई तरह के बदलाव आ जाता हैं. इसी के साथ ऐसा माना जाता हैं कि कार्तिक महीने से ही सर्दियों की शुरुआत हो जाती हैं इसलिए इस महीने में स्निग्ध चीजें और मेवे खाने की सलाह दी जाती हैं. इसी के साथ इस महीने में दाल खाने की मनाही की गई हैं. इसी के साथ सूर्य की किरणों का स्नान भी इस महीने से उत्तम माना जाता हैं और इस महीने में दोपहर में सोने की भी मनाही की गई हैं.
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