चेन्नई। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि के निधन के बाद उनकी समाधी के लिए जगह को लेकर काफी विवाद हुआ था। ये मामला मद्रास हाई कोर्ट तक गया और अंत में हाई कोर्ट ने करुणानिधि के परिजनों और डीएमके को करुणानिधि के शरीर को मरीना बीच पर दफ़नाने की इजाजत दे दी है।
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लेकिन क्या क्या आप जानते है कि मरीना बीच में आखिर ऐसी क्या ख़ास बात थी जो डीएमके करुणानिधि के शरीर को वही दफनाना चाहती थी। दरअसल करुणानिधि के समर्थकों की मांग थी की उनकी समाधी के साथ ही उनका स्मारक भी बनाया जाये वो भी उनके मेंटर अन्नादुरै की समाधि के पास जो मरीना बीच के अन्ना स्क्वेयर पर है।
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मरीना बीच पर साल 1968 में पहली वर्ल्ड तमिल कॉन्फ़्रेंस के समय तमिल साहित्य के कई दिग्गजों की प्रतिमाओं को यहां जगह दी गई थी जिनमे तिरुवल्लुवर, कम्बर, सुब्रमनिया भरतियार, भारतीदसन शामिल हैं। इसके साथ ही इस बीच पर 1970 में अन्नादुरै और 1988 में एमजीआर का मेमोरियल बनाया गया था। आजादी के बाद यहां महात्मा गाँधी की दांडी यात्रा वाली प्रतिमा भी लगाई गयी थी। छह किलोमीटर में फैला यह बीच भारत का सबसे लम्बा शहरी बिच है।
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