नई दिल्ली : एम. करूणानिधि राजनीति की एक ऐसी हस्ती जो कभी राजनीतिक मैदान में नही हारी, वह शख्सियत कल 94 वर्ष की उम्र में बीमारी से लड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह गई. एम. करूणानिधि का पिछले माह से चेन्नई के कावेरी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां कल 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली. यह महान शख़्सियत अब केवल कहानी और किस्सों के द्वारा ही लोगों के दिलों में ज़िंदा रहेगी. इसी के तहत आइए जानते है आज उनके एक महत्वपूर्ण किस्से के बारे में जब उन्होंने अपना घर तक दान में दे दिया था.
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बता दे कि साल 1968 में एम करुणानिधि ने चेन्नई के पॉश गोपालपुरम में एक घर बनवाया था. यह घर उन्होंने अपने बेटों अलागिरी, स्टालिन और तमिलरासू के नाम रजिस्टर कराया था. जहां सालों बाद इस घर को उन्होंने ट्रस्ट को दान करने का फैसला लिया. साल 209 में इस पर उनके बेटों की भी सहमति बन गई.
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द्रमुक प्रमुख एम करूणानिधि ने आज से ठीक 8 साल पहले यानी कि साल 2010 में चेन्नई के पॉश गोपालपुरम स्थित अपना घर गरीबों के हित हेतु दान में दे दिया था. बता दे कि यह शुभ काम उन्होंने 2010 में अपने जन्मदिवस पर यानी कि 3 जून को किया था. उन्होंने अन्नई अंजुगम ट्रस्ट (अपने नाम के नाम) को अस्पताल चलाने के लिए दान दिया था. जहां इस बात पर भी सहमति बनी कि इस अस्पताल का नाम कलैग्नार करुणानिधि रखा जाएगा.
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