आप सभी को बता दें करवा चौथ का व्रत बहुत शुभ माना जाता है. कहते हैं इस दिन सौभाग्यशाली महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और यह व्रत पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सभी महिलाओं के द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. कहते हैं इस दिन महिलाएं सज संवरकर चंद्रमा की पूजा करती हैं और करवा चौथ के दिन सोलह श्रृंगार का विशेष महत्व होता है जो बहुत शानदार होता है. आप सभी को बता दें कि करवा चौथ 27 अक्टूबर को मनाया जाने वाला है. ऐसे में कहते हैं कि इस दिन महिलाओं को सोलह श्रृंगार करने के बाद ही पूजा में शामिल होना चाहिए और इनके बिना यह पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में उस श्रृंगार में मेंहदी, चूड़िया, मांग टीका के अलावा और भी चीज़े शामिल होती है आइए जानते हैं.
सिंदूर: माथे पर सिंदूर पति की लंबी उम्र की निशानी होता है.
मंगलसूत्र: ये भी सुहागन होने का सूचक माना जाता है.
मांग टीका: मांग टीका वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल करते हैं.
बिंदिया: माथे पर लगी बिंदिया भी सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल होती है.
काजल: काजल काली नजरों से बचाने के लिए लगाया जाता है.
नथनी: नाक में पहनी जाने वाली नथनी भी सोलह श्रृंगार में शामिल होती है.
कर्णफूल : ईयर रिंग भी सोलह श्रृंगार में शामिल होते हैं.
मेंहदी : करवा चौथ पर हाथों में मेहंदी जरूर लगानी चाहिए.
कंगन या चूड़ी: हाथों में लाल और हरी चूड़ियां भी सोलह श्रृंगार में शामिल होती हैं.
लाल रंग के वस्त्र भी 16वां सबसे महत्वपूर्ण श्रृंगार में गिने जाते हैं.
बिछिया : दोनों पांवों की बीच की तीन उंगलियो में सुहागन स्त्रियां बिछिया पहनती हैं.
पायल : घर की लक्ष्मी के लिए पायल को बेहद शुभ होता है.
कमरबंद या तगड़ी : सुहागन के सोलह श्रृंगार में शामिल होता है.
अंगूठी : अंगूठी को भी सुहाग के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.
बाजूबंद : बाजूबंद वैसे तो आभूषण है लेकिन इसे भी सोलह में शामिल किया गया है.
गजरा : फूलों का महकता गजरा भी सोलह श्रृंगार में शामिल है.
करवाचौथ : 27 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, मिलेगा महिलाओं को विशेष फल
इन 34 चींजों के बिना अधूरा रह जाएगा आपका करवा चौथ, पति को हो सकता है नुकसान