भारतीय महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का निर्जला व्रत रखती हैं और यह व्रत सभी महिलाओं के लिए बहुत ख़ास माना जाता है. ऐसे में करवाचौथ का व्रत रखने वाली सुगहागिनें शाम 05 बजकर 50 मिनट से 07 बजकर 06 मिनट तक पूजन कर सकती हैं इसी के साथ ज्योतिष के अनुसार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर की सुबह 6:48 पर लग गई हैं यह तिथि अगले दिन सुबह 7:29 तक रहेगी. वहीं चंद्रमा के दर्शन रात 08:18 मिनट पर होगा.
आपको बता दें कि करवाचौथा पर विधि विधान से पूजन करने से लाभ प्राप्त मिलना शुरू हो जाता है और इस दिन व्रती महिलाएं लाल वस्त्र धारण कर शाम को करवाचौथ व्रत की कथा सुनें. इसी के साथ भगवान श्री गणेश, भगवान शिव और माता गौरी की पूजा अवश्य करें और भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाकर पुष्प अर्पित करें. इसी के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करें और व्रत खोलने के बाद पति और बड़ों का आशीर्वाद लें लेकिन इस बात का जरूर ध्यान रखें कि ''पूजा की थाली में छलनी, आटे का दीपक, फल, ड्राईफ्रूट, मिठाई और दो पानी के लोटे होने चाहिए. एक लोटे में चंद्रमा को अर्घ्य दें और दूसरे लोटै के पानी से व्रत खोलें. ध्यान रहे कि पूजन की थाली में माचिस न रखें.''
इसी के साथ इस बात का भी ध्यान रखे कि, ''जिस सुहाग चुन्नी को ओढ़कर आपने कथा सुनी थी उसी चुन्नी को ओढत्रकर चंद्रमा को अर्घ्य दें और छलनी में दीपक रखकर चंद्रमा को उसमें से देखें, फिर उसी छलनी से अपने पति को देखें.'' वहीं पूजा के बाद चंद्रमा को देखकर पहले आप अपने पति को पानी पिलाएं इसके बाद पति के हाथ से पानी पिएं और मिठाई से अपना व्रत को सम्पूर्ण कर दें.
पति संग राखी सावंत ने रखा करवाचौथ का व्रत, कहा- 'मेरी सास ने गाजर का हलवा...'