नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी आज बाबा विश्वनाथ की नगरी वाराणसी के दौरे पर हैं. उन्होंने आज काशी विश्वनाथ कोरिडोर का शुभारंभ किया. इस दौरान पूरे कार्यक्रम के कवरेज के लिए 55 हाई-डेफिनिशन (HD) कैमरों, चार जिमी जिब और एक बड़ा ड्रोन तैनात किया गया है. ‘दिव्य काशी, भव्य काशी’ कार्यक्रम के टेलीकास्ट के लिए 55 कैमरामैन, सहित लगभग 100 लोगों का दल काशी में डेरा डाले हुए हैं. पीएम मोदी ने मंदिर में पूजा के बाद करीब 339 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित काशी विश्वनाथ धाम के प्रथम चरण का उद्घाटन किया. इस दौरान 151 डमरु वादकों ने बाबा विश्वनाथ के धाम में डमरु बजाकर पीएम मोदी का अभिवादन किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार जताना चाहता हूं, जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है. कोरोना के मुश्किल काल में भी, उन्होंने यहां पर काम नहीं रुकने दिया. मुझे अभी अपने इन मजदूर साथियों से मिलने का, उनका आशीर्वाद लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है. काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है. जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?’
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि, विश्वनाथ धाम का ये पूरा नया परिसर केवल एक भव्य भवन ही नहीं है, बल्कि ये प्रतीक है, हमारे भारत की सनातन संस्कृति का! ये प्रतीक है, हमारी आध्यात्मिक आत्मा का! ये प्रतीक है, भारत की प्राचीनता का, परम्पराओं का! भारत की ऊर्जा का, गतिशीलता का. पीएम मोदी ने कहा कि, जब आप यहां आएंगे तो सिर्फ आस्था के दर्शन नहीं करेंगे. आपको यहां अपने अतीत के गौरव की भी अनुभूति होगी. कैसे प्राचीनता और नवीनता एक साथ सजीव हो रही हैं, कैसे पुरातन की प्रेरणाएं भविष्य को दिशा दे रही हैं, इसके साक्षात दर्शन विश्वनाथ धाम परिसर में आज हम कर रहे हैं.
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