प्रयागराज : अर्द्ध कुंभ में अब श्रद्धालु जलमार्ग से भी पहुंच सकेंगे। इसके लिए काशी से प्रयागराज के बीच दो जलपोत सीएल कस्तूरबा और एसएल कमला चलाए जाएंगे। जहाजरानी मंत्रालय से प्राप्त निर्देश पर 15 जनवरी से 15 मार्च के बीच यह सुविधा देने का निर्णय लिया गया है। अंतर्देशीय जलमार्ग विकास प्राधिकरण ने इसके लिए कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है। प्रयागराज से वाराणसी के बीच चटनाग, सिरसा, सीतामढ़ी, विंध्याचल और चुनार में अस्थाई जेट्टी लगाई जा रही हैं। जहां से श्रद्धालु जलपोतों पर चढ़ व उतर सकेंगे। इसके अलावा प्रयागराज में किलाघाट, सरस्वती घाट, नैनी ब्रिज और सुजवान घाट पर फ्लोटिंग टर्मिनल भी बनाए जा रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इनलैंड वाटरवेज अथारिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, जरूरत पड़ने पर और भी जलपोतों की सुविधा प्रदान की जाएगी। फ्लोटिंग टर्मिनलों के बीच का किराया 20 से 100 रुपये होगा। प्रयागराज और वाराणसी के बीच गंगा में कम से कम एक मीटर गहराई बनाए रखने के लिए भी काम शुरू हो गया है, ताकि जलपोतों का संचालन आसानी से हो सके।
प्राप्त जानकारी के अनुसार निजी कंपनियों ने भी इलाहाबाद से काशी के बीच जहाज संचालन की इच्छा जताई है। वही आईडब्ल्यूएआई के अध्यक्ष कि माने तो सुरक्षित और सुविधाजनक सफर के लिए गंगा में जलपोत संचालन को चार फ्लोटिंग टर्मिनल और पांच अस्थाई जेट्टी बनाई जा रही हैं। काशी से प्रयागराज के बीच एक मीटर गहराई मेंटेन रहेगी, ताकि जहाजों का संचालन आसानी से हो सके।
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इस कारण अर्द्धकुंभ में आसान होगा श्रद्धालुओं का सफर
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