श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों से लगातार घुसपैठ का मामला सामना आ रहा है इस दौरान मंगलवार को 29 वर्षीय मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे शहीद हो गए जिनका पार्थिव शरीर मीरा रोड स्थित उनके आवास लाया गया. मेजर कौस्तुभ 7 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे.
जब मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे का पार्थिव शरीर घर लाया गया तो इस दौरान उनके घर के पास श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लग गया. बता दें कि मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे ने अपनी शुरूआती पढ़ाई मीरा रोड के होली क्रॉस स्कूल से हुई थी. इसके बाद उन्होंने अपना ग्रेजुशन पढ़ाई मीरा रोड के रावल कॉलेज से हुई थी.
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कौस्तुभ प्रकाश राणे साल 2008 में सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हुए हुए थे इसके बाद वह 2011 में कैप्टन बने फिर साल 2018 में मेजर बने. मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे के परिवार में माता-पिता, एक बहन, पत्नी और उनका एक दो साल का बेटा है. दुःख की इस घड़ी में मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे के पिता ने कहा कि उनका बेटा देश के काम आया उन्होंने कहा कि उनका बेटा बहदुरी दिखाकर शहीद हुआ.
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बता दें कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों से हुए घुसपैठ में मेजर कौस्तुभ प्रकाश राणे के साथ तीन सिपाही मनदीप सिंह रावत, हमीर सिंह और विक्रम जीत भी शहीद हो गए.
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