मुंबई: 5 सितंबर को "द कश्मीर फाइल्स" के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी के निमंत्रण को अस्वीकार करने की घोषणा की, जिसमें उन्हें कश्मीर पर बहस में भाग लेने के लिए बुलाया गया था। अग्निहोत्री ने इस निमंत्रण को भारत विरोधी और कश्मीर विरोधी बताते हुए कहा कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं कर सकते। उन्होंने एक एक्स पोस्ट के माध्यम से कहा, "मुझे ऑक्सफोर्ड यूनियन ने कश्मीर पर बहस के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन इसका विषय भारत और कश्मीर दोनों के खिलाफ है। इसलिए, मैंने इसे अस्वीकार कर दिया है।"
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— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) September 5, 2024
I was invited by the prestigious Oxford Union to debate on Kashmir. I found the theme offensive, anti-India, and anti-Kashmir. On principle, I have declined the offer. PFA my decline letter.@OxfordUnion pic.twitter.com/sXSO7UGUlx
ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी ने कश्मीर के एक स्वतंत्र राज्य (अलग देश) के गठन पर बहस का आयोजन किया था, जिसे अग्निहोत्री ने भारत की संप्रभुता के खिलाफ एक चुनौती बताया। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनियन को एक पत्र लिखकर कहा, "यह केवल भारतीयों का नहीं, बल्कि 1990 के कश्मीरी हिंदू नरसंहार के पीड़ितों का भी अपमान है। इस त्रासदी को बहस के रूप में प्रस्तुत करना इंसानों की जान के साथ खिलवाड़ करने जैसा है, जहां कीमत स्याही से नहीं, बल्कि खून से चुकाई जाती है।" अग्निहोत्री ने अपने पत्र में जोर दिया कि जब तक कश्मीरी हिंदू अपनी मातृभूमि पर लौट नहीं आते, तब तक कश्मीर की संप्रभुता पर किसी तरह की बहस नहीं हो सकती।
ऑक्सफोर्ड यूनियन ने अपने निमंत्रण में लिखा था कि वे कश्मीर के स्वतंत्र राज्य का समर्थन करते हैं और "द कश्मीर फाइल्स" को एक विवादास्पद फिल्म के रूप में प्रस्तुत किया था। साथ ही, उन्होंने अग्निहोत्री को बहस में हिस्सा लेने का प्रस्ताव देते हुए तारीखें सुझाई थीं, जो अक्टूबर और नवंबर 2024 के बीच होनी थी। हालांकि, निर्देशक ने इस विषय पर असहमति जताते हुए भाग लेने से इनकार कर दिया। यह उल्लेखनीय है कि इससे पहले 2022 में भी ऑक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी ने अग्निहोत्री के ह्यूमैनिटी टूर के एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया था। अग्निहोत्री ने तब आरोप लगाया था कि सोसाइटी के अध्यक्ष एक पाकिस्तानी थे और भारत विरोधी रुख का समर्थन करते थे। उन्होंने उस समय भी इस रद्दीकरण पर कड़ा विरोध जताया था, और सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना की थी।
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