नई दिल्ली: दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कश्मीरी हिन्दुओं के वीभत्स नरसंहार का मजाक उड़ाते हुए विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को भाजपा समर्थित और ‘झूठी फिल्म’ करार दिया था। यही नहीं विधानसभा में फिल्म को दिल्ली में टैक्स फ्री करने के मुद्दे पर केजरीवाल ने इसे यूट्यूब पर डालने की हिदायत दे डाली थी, जिसके बाद वह और उनके पार्टी के नेता भरे सदन में जोर-जोर से ठहाके लगाते हुए दिखाई दिए थे।
Kashmiri Migrant Teachers association has put out this press release. It is clear that @ArvindKejriwal was lying. This timeline of the case can be verified with multiple newspaper reports available. This is another in series of ‘Jagmohan planned their exodus’ lies. pic.twitter.com/hymkII3OVK
— Sunanda Vashisht (@sunandavashisht) March 28, 2022
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने रविवार (27 मार्च, 2022) को एक साक्षत्कार में कहा था कि, 'मैंने 233 कश्मीरी पंडितों को नौकरी दी है, भाजपा ने क्या किया है। कश्मीरी पंडितों का मुद्दा बहुत संवेदनशील है, हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं, इस पर सियासत बंद होनी चाहिए।' इस बीच ‘प्रवासी शिक्षक संघ (Kashmiri Migrant Teachers Association)’ ने सोशल मीडिया पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए केजरीवाल के झूठ का पर्दाफाश किया है। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि अरविंद केजरीवाल कोरा झूठ बोल रहे थे। इस मामले को कई समाचार पत्रों में प्रकाशित की गई रिपोर्ट्स से भी सत्यापित किया जा सकता है। कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वे लोगों को गुमराह कर रहे हैं.
केजरीवाल ने नाविका के सामने खुलेआम झूठ बोला कश्मीरी पंडितों के बारे में
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 28, 2022
नाविका ने सफेद झूठ देश को दिखाया , कोई सवाल नहीं पूछा
सच ये हैं कि केजरीवाल सरकार कश्मीरी पंडितों के खिलाफ तीन बार कोर्ट गई, तीनों बार हारीं
ये वो सच है जो बिका हुआ मीडिया कभी नहीं दिखायेगा pic.twitter.com/5OlOqdPQ8k
कश्मीरी पंडित शिक्षक संघ की प्रेस रिलीज़ के अनुसार, केजरीवाल सरकार ने उनके नियमित होने में बाधा डालने का पूरा प्रयास किया था. दिल्ली उच्च न्यायालय के कश्मीरी टीचर्स के नियमितीकरण के आदेश को दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की सरकार ने डबल बेंच में चुनौती दी थी. दिल्ली सरकार ने डबल बेंच में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. जब डबल बेंच ने भी केजरीवाल सरकार की याचिका ठुकरा दी, तो केजरीवाल सरकार कश्मीरी शिक्षकों का नियमितीकरण रोकने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई थी. और जब सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल सरकार को फटकार लगाते हुए याचिका ठुकरा दी, इसके बाद जब दिल्ली सरकार के पास कोई विकल्प नहीं रहा तब आखिर में 23 जनवरी 2019 को कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं नियमित की गईं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार कश्मीरी पंडित शिक्षकों की सेवाएं कभी भी नियमित नहीं करना चाहती थी. दिलीप भान ने कहा कि हकीकत तो ये है कि केजरीवाल सरकार ने अंतिम विकल्प तक कश्मीरी शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने का विरोध किया.
OMG. It’s such a shame that Kashmiri Hindu teachers have to come out and call out the white lies of an elected representative. What is the punishment in law for lying on SC judgement? https://t.co/jVX4THYK28
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) March 28, 2022
अब केजरीवाल का झूठ उजागर होने के बाद द कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'हे भगवान। यह बहुत शर्म की बात है कि कश्मीरी हिंदू शिक्षकों को एक चुने हुए प्रतिनिधि के सफेद झूठ को बेनकाब करने के लिए इस प्रकार से सामने आना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर झूठ बोलने पर कानून में क्या सजा है?'
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