नई दिल्ली : ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस (एएसकेपीसी) ने सरकार की आलोचना करते हुए एक लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों का नाम जम्मू में आगामी निकाय चुनावों के लिए मतदाता सूची से हटाए जाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए उनकी कड़ी आलोचना की है.
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ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कॉन्फ्रेंस ने कहा 2005 में पूर्ववर्ती कांग्रेस-पीडीपी सरकार के शासन के दौरान उन्हें जम्मू में हुए निकाय चुनावों में मतदान का अधिकार दे दिया था, लेकिन अब भाजपा सरकार ने इस अधिकार को चीन लिया है. एएसकेपीसी के महासचिव डॉ. टीके भट ने पत्रकारों से कहा कि भारत सरकार और जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन ने विस्थापित प्रवासी कश्मीरी पंडित के अधिकारों के उल्लंघन के मामले में सबसे ज्यादा हानि पहुंचाई है.
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गौरतलब है कि इस साल अक्टुम्बर में जम्मू में होने वाले निकाय चुनावों में जम्मू कश्मीर निर्वाचन विभाग पर आरोप लगा है कि एक साजिश के तहत एक लाख से ज्यादा कश्मीरी पंडितों को उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया था. इसके साथ ही श्रीनगर में एक नागरिक समाज समूह ने सभी राजनीतिक दलों से शनिवार को विनती की है कि सभी लोग स्थानीय निकाय और पंचायत चुनावों का विरोध करें जब तक सुप्रीम कोर्ट अनुच्छेद 35-ए को खारिज ना कर दे.
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