कठुआ: हाल ही में कठुआ गेंग रेप मामले में फोरेंसिक जाँच के बाद नया मोड़ सामने आया है, जिसके अनुसार जांच के लिए पहले सैम्पल श्रीनगर भेजे गए लेकिन आधुनिक तकनीकी का हवाला देकर सैम्पल्स की जाँच दिल्ली में फोरेंसिक टीम को भेज दी थी जिसके बाद आई रिपोर्ट्स से पीड़िता के साथ बलात्कार करने वालों के खिलाफ अहम सबूत मिले है.
फॉरेंसिक रिपोर्ट की माने तो पीड़िता का रेप करने के बाद उसके कपड़ों को धोकर अच्छे से साफ़ कर दिया गया था और सबूत मिटने की पूरी कोशिश, पीड़िता के पहने हुए कपड़ों में खून लगा था जो धो दिया गया था लेकिन फोरेंसिक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है. अच्छे से साफ़ हो जाने के कारण श्री नगर में इन कपड़ों की ठीक से जांच नहीं हो पाई थी जिसकी पुष्टि दिल्ली की फोरेंसिक टीम ने की है.
पुलिस की जांच में देवीस्थान से खून का धब्बा लगा हुआ एक लकड़ी का डंडा और कुछ बाल मिले मृत बच्ची की डीएनए प्रोफाइलिंग से पता चला कि सांझीराम ने उसे बंधक बनाकर रखा था. फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट से ये भी पता चला कि शव के पास से मिले बाल के डीएनए आरोपी शुभम सांगरा के डीएनए प्रोफाइल से मेल खाता है. गौरतलब है कि मेडिकल एक्सपर्ट्स की रिपोर्ट के मुतबिक बच्ची की हत्या के पहले उसका बलात्कार हुआ था.
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