श्रीनगर: कठुआ रेप कांड में हुए नए खुलासे के तहत एक बात सामने आई है कि एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस पूरे घटनाक्रम में मंदिर की भागीदारी पर संदेह जाहिर किया था. मगर पता चला की इसी मंदिर में जनवरी महीने में आठ वर्षीय मासूम बच्ची को बंधक बनाकर रखा गया था. मामले की सुनवाई पंजाब के पठानकोट में चल रही है. कठुआ के हरिनगर में एसएचओ सुरेश गौतम ने कोर्ट को बताया कि हालांकि जांच अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को यह बताया कि निजी मंदिर के बारे में 'कुछ भी संदेहजनक नहीं है.' पूर्व जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता सबूतों को मिटाने के आरोप में कार्यवाई का सामना कर रहे है.
Kathua Gang Rape: मेडिकल रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
गौतम ने कहा कि उन्होंने एसएसपी की ओर से बुलाई गई 18 जनवरी की बैठक में मंदिर को लेकर संदेह जताया था. संदेह की वजह यह थी कि घटना के बाद मंदिर को बंद पाया गया था. हालांकि दत्ता ने उन्हें और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को बताया कि 12 जनवरी को जब वह गए थे, तब मंदिर खुला था और उसके अंदर 'कुछ महिलाएं पूजा कर रही थीं.' दत्ता ने उन्हें मंदिर की जांच करने से रोक दिया क्योंकि उनको इस बात की 'पूरी जानकारी' थी कि कठुआ पीड़िता को वहां पर बंद कर रखा गया था.
रेप पीड़िता को पुलिस ने बेरहमी से पीटा
सस्पेंड चल रहे एसएचओ गौतम ने कोर्ट मे कहा कि संदेह के बाद भी उन्होंने अपने कनिष्ठ अधिकारियों को मंदिर को सील करने के लिए नहीं कहा. 12 जनवरी से 17 जनवरी के बीच लापता बच्ची की तलाश नहीं करने वाले इस अधिकारी के खिलाड़ विभागीय जांच चल रही है.
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