आप सभी जानते ही हैं कि नवरात्रि चल रही है ऐसे में आज नवरात्रि का छटवां दिन है ऐसे में आज के दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है और मां कात्यायनी दानवों तथा पापियों का नाश करने वाली हैं. ऐसे में इस दिन साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित रहता है और योग और साधना में इस आज्ञा चक्र का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. कहा जाता है मां कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त होती हैं और साधक का मन आज्ञा चक्र में स्थित होने पर उसे सहजभाव से मां कात्यायनी के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं. आइए जानते हैं किऐसे करें इनकी पूजा.
इनकी पूजा - कहा जाता है इनकी अर्चना करने से भक्त के सभी संकटों का नाश होता है साथ ही भक्त के भीतर अद्भुत शक्ति उत्पन्न होती है इसलिए कहा जाता है कि इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फल मिल जाते हैं.
मां कात्यायनी का स्वरूप :- कहा जाता है यह माता सिंह पर विराजमान होती हैं और मां कात्यायनी का स्वरूप अत्यंत चमकीला और भास्वर है. इसी के साथ मां का दाहिनी तरफ का ऊपरवाला हाथ अभयमुद्रा में तथा नीचे वाला वरमुद्रा में है और बाईं तरफ के ऊपरवाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प सुशोभित होते हैं.
मां कात्यायनी को प्रसन्न करने का मंत्र :-
चंद्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी॥
नवरात्रि के छटवें दिन कुँवारी कन्या करें मां कात्यायनी की पूजा