हैदराबाद: भारत राष्ट्र समिति (BRS) और कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव (KCR) अपने बेटे के.टी. रामाराव (KTR) को अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, वहीं कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अपने बेटे राहुल गांधी को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाना चाहती हैं।
अमित शाह ने कहा कि, 'तेलंगाना में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का विरोध करने वाली दो पार्टियाँ KCR की TRS और सोनिया जी की कांग्रेस हैं। ये दोनों तेलंगाना का भला नहीं चाहते। जहां केसीआर चाहते हैं कि केटीआर मुख्यमंत्री बनें, वहीं सोनियाजी चाहती हैं कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनें। ये वंशवादी पार्टियाँ हैं। बता दें कि, शाह ने 30 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले तेलंगाना के सूर्यापेट में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे थे, जहाँ से उन्होंने दोनों दलों पर हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि, "जहां भारतीय जनता पार्टी का लक्ष्य गरीब कल्याण (गरीबों का कल्याण) है, वहीं KCR की पार्टी और कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य 'परिवार कल्याण' (परिवार का कल्याण) है।"
तेलंगाना में अमित शाह ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह पिछड़ी जाति से एक मुख्यमंत्री नियुक्त करेगी। उन्होंने कहा कि, “पीएम मोदी ने पिछड़े वर्गों को संवैधानिक सुरक्षा प्रदान की है। हमारे लिए वोट करें। हमने तय किया है कि तेलंगाना में भाजपा का अगला सीएम पिछड़े वर्ग से होगा। शाह ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केवल भाजपा ही तेलंगाना का विकास कर सकती है।
अमित शाह ने कहा कि, 'न तो TRS (तेलंगाना राष्ट्र समिति, जिसे अब भारत राष्ट्र समिति के रूप में जाना जाता है) और न ही कांग्रेस तेलंगाना का विकास कर सकती है। केवल भारतीय जनता पार्टी ही पीएम मोदी के नेतृत्व में तेलंगाना का विकास कर सकती है। तेलंगाना के सीएम KCR के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए, अमित शाह ने उन्हें नवगठित राज्य में सत्ता में आने से पहले पिछड़े वर्गों से किए गए वादों की याद दिलाई।
गृह मंत्री ने कहा कि, 'TRS गरीबों, दलितों और पिछड़े वर्गों के खिलाफ एक पार्टी है। उन्होंने सत्ता में आने पर दलित के बेटे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था। मैं चन्द्रशेखर राव से उनके वादे के बारे में पूछना चाहता हूं। 2014 में केसीआर ने दलितों को 3 एकड़ जमीन देने का वादा किया था. क्या हुआ तेरा वादा?' बता दें कि, तेलंगाना में विधानसभा चुनावों को देखते हुए, भाजपा मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ BRS को सत्ता से हटाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। पार्टी ने 52 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की है, जिसमें तीन मौजूदा सांसदों सोयम बापू राव, अरविंद धर्मपुरी और बंदी संजय को क्रमशः बोथ, कोराटला और करीमनगर से मैदान में उतारा गया है। तेलंगाना में विधानसभा चुनाव 30 नवंबर को होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी ।
तेलंगाना में BRS, कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक दिलचस्प त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। 2018 के पिछले विधानसभा चुनावों में, BRS ने 119 में से 88 सीटें जीतीं, कुल वोट शेयर का 47.4 प्रतिशत हासिल किया। कांग्रेस 19 सीटों और 28.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। वहीं, भाजपा को महज एक सीट मिली थी। लेकिन, इस बार मुकाबला थोड़ा कड़ा होने की उम्मीद है।
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