देहरादून: बाबा केदारनाथ के दर्शन करने का श्रद्धालुओं की प्रतीक्षा अब समाप्त हो चुकी है। शुक्रवार प्रातः साढ़े 6 बजे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। कपाट खुलते ही देश तथा विदेश से आए भक्त बाबा भोलेनाथ के दर्शन कर पाएंगे। हर ओर हर-हर महादेव गूंज रहा है। हर कोई बम-बम भोले बोल रहा है। हर कोई बाबा केदारनाथ के दर्शन सबसे पहले करना चाहता है। सबसे पहले केदारनाथ धाम पहुंचना चाहता है।
वही ये अवसर इसलिये विशेष है, क्योंकि महादेव के श्रद्धालु कोरोना के कारण बीते 2 वर्षों से केदारनाथ में दर्शन नहीं कर पाए थे। इसीलिये केदारनाथ में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं मंदिर को 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया है। इससे पहले बाबा केदार की पंचमुखी डोली ने भी भक्तों के साथ गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का सफर किया। टोली केदारनाथ पहुंची चुकी है। बाबा केदार के श्रद्धालु भी अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं। भले ही उन्हें पैदल लंबा सफर तय करना पड़ रहा हो, मगर उनमें थकान नहीं नजर आ रही है। क्योंकि बाबा केदारनाथ का दर्शन करने के लिए बेचैन श्रद्धालुओं की प्रतीक्षा समाप्त हो गई तथा कपाट खुल गया है।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ धाम के कपाट खुले। इसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाग लिया। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के चलते 10 हजार से अधिक भक्त उपस्थित रहे। बाबा केदार की भक्ति ऐसी कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक का 21 किलोमीटर का पैदल यात्रा भी श्रद्धालुओं को अधिक नहीं लग रहा। कोरोना के कारण 2 वर्ष बाद बाबा केदार के दर्शन करने का अवसर भला कोई कैसे छोड़े। वही अगर आप भी बाबा केदारनाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको पहले पंजीकरण करना आवश्यक है। केदारनाथ धाम में होटलों में कमरे कम पड़ गए हैं। एक-एक कमरे का दाम निरंतर बढ़ रहा है। रात बिताने के लिए टेंट भी नहीं मिल रहे हैं। सिर छिपाने के लिए शेड तक नहीं हैं तथा लोग भारी ठंड में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं। खाने-पीने की भी भारी समस्या देखी जा रही है।
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