देहरादून: भारत में 21 जून को सूर्यग्रहण लगने वाला है और देश के कुछ इलाकों में यह वलयाकार नजर आएगा. सूर्यग्रहण के कारण उत्तराखंड के चारों धामों बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के पट आज रात 10 बजे से बंद हो जाएंगे. बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने कहा है कि, "सूर्यग्रहण भले ही कल है, किन्तु उसका सूतक 12 घंटे पहले ही आरंभ हो जाएगा." धर्माधिकारी के अनुसार, कल रविवार को दो बजे के बाद चारों धामों के मंदिर परिसरों की साफ-सफाई के बाद ही पूजा-अर्चना की जाएगी.
सूर्यग्रहण लगने के 12 घंटे पहले देश में ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद कर उसमें होने वाले पूजा-पाठ बंद कर दी जाती है. किन्तु देश में कुछ ऐसे भी मंदिर हैं जहां के ना तो कपाट बंद किए जाते और नहीं पूजा-पाठ रोकी जाती है. सूर्यग्रहण के वक़्त जब ज्यादातर मंदिरों के कपाट बंद कर पूजा-पाठ और दर्शन पर रोक लगा दी जाती है तब दक्षिणी भारत के आंध्रप्रदेश के कालाष्ठी में बना यह कालहस्ती या कालहटेश्वर मंदिर न तो बंद ही किया जाता है और न ही यहाँ पर पूजा-पाठ रोकी जाती है.
लोगों का मानना है कि ऐसे लोग जो कालसर्प दोष से पीड़ित होते हैं वे इसी ग्रहण के वक़्त इस मंदिर में आते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. इस मंदिर में राहु-केतु की पूजा के साथ ही साथ कालसर्प की भी पूजा होती है. राहु-केतु की पूजा के बाद श्रद्धालु भगवान शिव और देवी ज्ञानप्रसूनअंबा की भी पूजा-अर्चना करते हैं.
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