वास्तु शास्त्र में कामधेनु गाय की मूर्ति को अत्यधिक शुभ माना गया है। समुद्र मंथन के दौरान प्राप्त 14 बहुमूल्य रत्नों में कामधेनु गाय भी शामिल है। इसे धन, सुख और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। कामधेनु गाय की मूर्ति घर में रखने से धन-संपत्ति में वृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। इसके अलावा, यह मान्यता है कि कामधेनु गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है, जो मनोकामनाओं की पूर्ति और जीवन में खुशियों के आगमन का माध्यम बनती है।
कामधेनु गाय की मूर्ति स्थापित करने के वास्तु टिप्स:
मूर्ति का प्रकार:
घर में कामधेनु गाय की ऐसी मूर्ति रखें जिसमें बछड़ा भी हो, जिसे नंदिनी कहा जाता है। इस मूर्ति को रखने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और जीवन की समस्याएं धीरे-धीरे कम होती हैं।
स्थापना की दिशा:
कामधेनु गाय की मूर्ति को घर या ऑफिस के उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित करती है।
धातु का चयन:
चांदी, तांबा और पीतल की धातु से बनी कामधेनु गाय की मूर्ति को वास्तु में बेहद शुभ माना जाता है। इन धातुओं से बनी मूर्तियां अधिक स्थिरता और समृद्धि लाती हैं।
उपयुक्त समय:
कामधेनु गाय की मूर्ति को गोपद्वव्रत, गोवत्सद्वादशी, गोपाष्टमी, गोवर्धन पूजा और धनतेरस जैसे पावन पर्वों पर घर लाना लाभकारी होता है। इसके अलावा, किसी शुभ मुहूर्त पर पंडित या ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर भी मूर्ति स्थापित कर सकते हैं।
प्रवेश द्वार पर:
प्रवेश द्वार पर संगमरमर से बनी कामधेनु मूर्ति रखना भी शुभ माना जाता है। यह घर के वातावरण को सकारात्मक बनाता है और दरवाजे के माध्यम से घर में शुभता लाता है।
पूजाघर और मेनगेट:
कामधेनु गाय की प्रतिमा को घर के पूजाघर और मेनगेट पर रखना भी लाभकारी होता है। यह धार्मिक ऊर्जा को संचारित करती है और घर की समृद्धि में योगदान करती है।
इन वास्तु टिप्स का पालन करके आप कामधेनु गाय की मूर्ति का सही ढंग से उपयोग कर सकते हैं और इसके लाभों का अनुभव कर सकते हैं।
इन 3 राशियों के लिए बेहद शुभ है हरतालिका तीज, बढ़ेगा बैंक-बैलेंस
हरतालिका तीज पर राशि अनुसार पहनें इस रंग की साड़ी या चूड़ियां, बनी रहेगी कृपा
महाराष्ट्र के इन 8 गांवों में स्थापित हैं स्वयंभू 'अष्टविनायक' गणपति