भगवान् शिव की पूजा में बेलपत्र का खास महत्व होता है.बेलपत्र चढ़ाना मनोरथ सिद्धि का श्रेष्ठ उपाय भी है.शास्त्रों में देव उपासना की नियत मर्यादाओं की कड़ी में कुछ खास दिनों पर बेलपत्र तोड़ना भी शुभ नहीं माना गया है. हिन्दू पंचांग के मुताबिक ये दिन शिव-शक्ति या गणेश उपासना के खास दिन है. बेलपत्र शिव व शक्ति स्वरूपा देवी लक्ष्मी का वास माना गया है और शिव-शक्ति एक-दूसरे के बिना अधूरे माने गए हैं. श्री गणेश भी शिव-शक्ति के पुत्र हैं. इसलिए बताया गया है कि अनजाने में नीचे बताए जा रहे दिनों में बेलपत्र न तोड़कर देव दोष से बचना चाहिए.
आइये जानते है, किन खास दिनों या तिथियों पर बिल्वपत्र न तोड़े और बेलपत्र न होने की स्थिति में शिव पूजा में क्या उपाय करें -
चतुर्थी ;अष्टमी ,नवमी .चतुर्दशी,अमावस्या- संक्राति (सूर्य का राशि बदल दूसरी राशि में प्रवेश) .सोमवार
चूंकि बिल्वपत्र शिव पूजा का अहम अंग है, इसलिए इन दिनों में बेलपत्र न तोड़ने के नियम के कारण बेलपत्र न होने पर नए बेलपत्र की जगह पर पुराने बेलपत्र को जल से पवित्र कर शिव पर चढ़ाए जा सकते हैं या इन तिथियों के पहले तोड़ा बेलपत्र चढ़ाएं.
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