प्रेग्नेंसी के समय इन बातों का रखें खास ध्यान, जानिए कब क्या करें

प्रेग्नेंसी के समय इन बातों का रखें खास ध्यान, जानिए कब क्या करें
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माँ बनाना हर एक लड़की का सपना होता है, वो भी अपने इस मदरहुड को खुलकर जीना चाहती है, लेकिन ये सपना हर किसी का पूरा भी कहा होता है, और जिनका पूरा हो भी जाता है वो किसी न किसी कारण से अपना ध्यान नहीं पाती और इस सपने के पूरा होने से वंचित रह जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके द्वारा की गई ये छोटी छोटी गलती आपके लिए आगे चलकर बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है. यदि आप भी पहली बार माँ बनने जा रही है तो आज हम आपके लिए कुछ ऐसी टिप्स लेकर आए है. जिसे आप फॉलो करके अपने सपने को पूरा कर सकते है. तो चलिए जानते है इस बारें में.... 

समय से खाना खाना- प्रेग्नेंसी में इस बात का आपको खास ध्यान रखना होता है कि आप समय से अपने खाने का सेवन करें, इससे आपको उलटी या अन्य किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. 

समय पर वाकिंग: आपको प्रेग्नेंसी के समय इस बात का भी खास ध्यान देना होता है कि आप टाइम तो टाइम वाक करें, इससे जच्चा और बच्चा दोनों ही अच्छे होते है. 

मानसिक स्थिति और तनाव:  प्रेग्नेंसी में मेन्टल पीस की बहुत जरूरत होती है। तनाव और चिंता से ना केवल आपकी सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि बच्चे के विकास पर भी इसका प्रभाव देखने के लिए मिलता है. इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी प्रकार का मानसिक तनाव (जैसे चिंता, गुस्सा, या अवसाद) ना लें. इससे हार्मोनल बदलाव होते हैं जो बच्चे के लिए हानिकारक साबित हो सकते है. यदि आपको तनाव को कम करने के लिए ध्यान और गहरी श्वास (breathing exercises) लें. यह मानसिक शांति को बढ़ाने में मदद करता है.

प्रेग्नेंसी चेकअप: प्रेग्नेंसी में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात जो होती है वो है नियमित तौर पर डॉक्टर के पास चेकअप करवाना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि आपकी और बच्चे की सेहत का ध्यान रखा जा सकता है. अब ये जानते है कि आपको कौन कौन से टेस्ट करवाने होते है. 

ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट: ये जांचें गर्भावस्था में होने वाली जटिलताओं (जैसे एनीमिया, प्रेगनेंसी-इंड्यूस्ड हाइपरटेंशन) को पहचानने में मदद करती .
अल्ट्रासाउंड: यह बच्चे के विकास, स्थिति और संरचना को समझने में मदद करता है. डॉक्टर की सलाह से यह समय-समय पर करवाएं.
टीकाकरण: ये ध्यान रखें  कि आपको सभी जरूरी टीके लगे हैं, जैसे फ्लू, टेटनस आदि.
पारिवारिक इतिहास और जटिलताओं की जानकारी: यदि आपके परिवार में किसी को गर्भावस्था से संबंधित कोई जटिलता हो, तो डॉक्टर से इस बारे में पहले से बात करें.

 

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