सूर्य ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

सूर्य ग्रहण के दौरान रखें इन बातों का ध्यान
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वर्ष 2024 का दूसरा एवं अंतिम सूर्य ग्रहण बुधवार, 2 अक्टूबर को घटित होगा। यह सूर्य ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से बहुत खास माना जा रहा है क्योंकि यह कन्या राशि और हस्त नक्षत्र में वलयाकार रूप में दिखाई देगा। हालांकि, भारत में यह सूर्य ग्रहण दृश्यमान नहीं होगा।भारतीय मानक समय (IST) के मुताबिक, ग्रहण का आरंभ रात 9:12 बजे होगा। लगभग मध्यरात्रि में, यानी 12:15 बजे, ग्रहण का प्रभाव अपने चरम पर होगा। फिर, यह ग्रहण 3 अक्टूबर की रात 3:17 बजे समाप्त हो जाएगा। कुल मिलाकर, इस सूर्य ग्रहण की अवधि करीब 6 घंटे 5 मिनट होगी। आइये आपको बताते है सूर्य ग्रहण देखने के उपाय और सावधानियां

सूर्य ग्रहण देखने के उपाय और सावधानियां
सूर्य ग्रहण देखने के लिए खगोलीय उत्साही एवं वैज्ञानिक विशेष सावधानियों का पालन करते हैं। नग्न आंखों से सूर्य ग्रहण को देखना बेहद हानिकारक हो सकता है, इससे आंखों को स्थायी रूप से नुकसान पहुंच सकता है। सूर्य ग्रहण देखने के लिए विशेष रूप से बनाए गए सोलर फिल्टर या सोलर गॉगल्स का उपयोग किया जाना चाहिए। इसके अलावा, दूरबीन या टेलीस्कोप के माध्यम से सूर्य की छवि को किसी सफेद स्क्रीन या दीवार पर प्रोजेक्ट करके देखा जा सकता है। इस तकनीक से आप सीधे सूर्य को नहीं देखेंगे, बल्कि उसकी छवि देखेंगे, जिससे आंखों को नुकसान का खतरा कम हो जाता है।

सूर्य ग्रहण से जुड़ी धार्मिक मान्यताएं और सावधानियां
भारतीय ज्योतिष और धार्मिक शास्त्रों में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। जब भी सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देता है, तो इसके 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ हो जाता है, जिसमें कई धार्मिक और दैनिक क्रियाओं पर रोक लग जाती है। इस दौरान खाना-पीना वर्जित होता है, खासकर गर्भवती महिलाओं को इस समय विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।

लेकिन इस बार, चूंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल का कोई प्रभाव नहीं होगा और किसी प्रकार की धार्मिक या ज्योतिषीय सावधानी की जरूरत नहीं है। गर्भवती महिलाएं और अन्य लोग सामान्य दिनचर्या का पालन कर सकते हैं और किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

ज्योतिषीय महत्व और विशेषता
यह सूर्य ग्रहण ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी बहुत खास माना जा रहा है। ग्रहण के समय सूर्य, चंद्रमा, बुध और केतु का विशेष संयोग बन रहा है। राहु और केतु का अक्ष मीन और कन्या राशि में होगा, जिससे इन राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। ग्रहण के दौरान सूर्य, मंगल और केतु की युति से वैश्विक स्तर पर राजनैतिक और आर्थिक उथल-पुथल के संकेत मिल रहे हैं। यह स्थिति युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक संकट का संकेत दे रही है। कन्या और मीन राशि पर इसका विशेष प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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