गणेश उत्सव एक भव्य और उल्लासपूर्ण त्योहार है, जो विशेष रूप से महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तक चलता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। चतुर्थी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 12:08 बजे से शुरू होकर 7 सितंबर को दोपहर 2:05 बजे तक रहेगी। इस अवधि में गणेश चतुर्थी का पावन पर्व मनाना शुभ रहेगा।
मुख्य बातें:
मुहूर्त: गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की स्थापना शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। यह पूजा दोपहर के समय करना सबसे अच्छा होता है। एक बार स्थापना करने के बाद मूर्ति को इधर-उधर नहीं हिलाना चाहिए।
स्थापना की दिशा: गणपति की मूर्ति को पूर्व या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में स्थापित करना चाहिए। इस दिशा में स्थापना करने से बप्पा 10 दिन तक घर में वास करते हैं।
घर में स्थापना के नियम: अगर आप गणपति जी को घर में स्थापित कर रहे हैं, तो 10 दिन तक प्रतिदिन सुबह और शाम उन्हें भोग लगाएं और आरती करें। मूर्ति के पास अंधेरा न होने दें और घर को सूना न छोड़ें।
पूजा सामग्री: गणपति को सिंदूर, दूर्वा और मोदक चढ़ाएं। पूजा में केतकी के फूल और तुलसी का इस्तेमाल न करें। बासी या मुरझाए हुए फूल भी पूजा में शामिल न करें।
पूजा के वस्त्र: गणेश जी के प्रिय रंग लाल और पीले हैं। पूजा के दौरान इन रंगों के कपड़े पहनें। काले रंग के कपड़े पहनने से पूजा का फल नहीं मिलता है।
10 दिन तक की सावधानियाँ: गणेश उत्सव के दौरान मांस और मदिरा का सेवन न करें। तामसिक भोजन से दूर रहें। व्रति ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन की शुद्धता बनाए रखें। किसी को अपशब्द न बोलें और विवाद से बचें।
गणेश उत्सव के दौरान इन नियमों का पालन करके आप अपने घर में सुख और समृद्धि को आमंत्रित कर सकते हैं।
महाभारत की वो 5 प्रेम कहानियां, जिन्होंने बदल दिया पूरा इतिहास
जानिए किस उंगली में चांदी की अंगूठी पहनना है शुभ?
बेहद शुभ है घर में ये पौधा लगाना, बनी रहेगी माँ लक्ष्मी की कृपा