घी खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान, वरना होगा नुकसान

घी खरीदते समय रखें इन बातों का ध्यान, वरना होगा नुकसान
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तिरुमाला तिरुपति के लड्डुओं की हालिया कंट्रोवर्सी ने सभी को नकली घी की पहचान के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है। बाजार में मिलने वाले देसी घी में मिलावट का पता लगाने के कई तरीके हैं, लेकिन इससे बचने के लिए सही जानकारी होना आवश्यक है। इस लेख में हम जानेंगे कि मिलावट से बचने के लिए किस प्रकार का देसी घी खरीदें और नकली घी में कौन-कौन सी चीजें मिलाई जाती हैं।

नकली घी में होने वाली मिलावट
हाल के वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें नकली घी की मिलावट करने वालों को पकड़ा गया है। इनसे यह पता चलता है कि वे किन चीजों का उपयोग करते हैं। नकली घी बनाने में निम्नलिखित घटकों का प्रयोग किया जाता है:

वनस्पति तेल:
यह सबसे आम सामग्री है जो नकली घी में मिलाई जाती है। यह सस्ता और घी की तरह दिखता है, इसलिए इसे आसानी से मिलाया जा सकता है।

पाम ऑयल:
यह भी एक सस्ता विकल्प है और इसे अक्सर नकली घी बनाने में उपयोग किया जाता है। पाम ऑयल की वसा की संरचना घी से मिलती-जुलती है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है।

केमिकल्स:
कई बार मिलावट करने वाले विभिन्न केमिकल्स का उपयोग करते हैं, जो घी की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं और इसे असली जैसा दिखाने की कोशिश करते हैं।

महक:
नकली घी में असली घी जैसी खुशबू लाने के लिए महक मिलाई जाती है। यह विशेष रूप से उन ग्राहकों को धोखा देने के लिए किया जाता है जो केवल महक के आधार पर गुणवत्ता का आकलन करते हैं।

कोलतार:
कुछ मामलों में, कोलतार भी नकली घी में मिलाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है।

जानवरों की चर्बी:
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ क्षेत्रों में जानवरों की चर्बी को पिघलाकर भी नकली घी बनाया जाता है। यह न केवल घी की गुणवत्ता को प्रभावित करता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह हो सकता है।

बाजार से देसी घी खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
यदि आप सेहतमंद और शुद्ध देसी घी खाना चाहते हैं, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए:

विश्वसनीय दुकानों से खरीदें:
हमेशा ऐसे स्टोर से खरीदें, जिन पर आप भरोसा करते हों। स्थानीय या अनजान ब्रांड्स से खरीदने से बचें।

लेबल की जांच करें:
देसी घी के पैकेट पर छपे लेबल को ध्यान से पढ़ें। यदि लेबल पर किसी भी प्रकार का संदेह हो, तो उसे तुरंत छोड़ दें।

एफएसएसएआई की सर्टिफिकेशन:
एफएसएसएआई (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) से अप्रूव्ड देसी घी ही खरीदें। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद की गुणवत्ता मानकों के अनुसार है।

सस्ते विकल्पों से दूर रहें:
लोकल ब्रांड्स और अत्यधिक सस्ते घी के चक्कर में न पड़ें। अक्सर ये नकली होते हैं और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

नकली घी की पहचान कैसे करें
नकली घी को पहचानने के लिए आप घर पर कुछ सरल तरीके अपना सकते हैं:

स्वाद और महक:
शुद्ध घी का स्वाद और महक नकली घी से बिलकुल अलग होती है। असली घी की खुशबू आपको तुरंत पहचानने में मदद करेगी।

दानेदारता:
शुद्ध देसी घी जब ठंडा होता है, तो यह दानेदार हो जाता है। यदि घी चिकना या तरल है, तो यह संदेह का कारण बन सकता है।

स्मोकिंग प्वाइंट:
शुद्ध देसी घी का स्मोकिंग प्वाइंट उच्च होता है। जब आप इसे गर्म करते हैं, तो यह जल्दी नहीं जलता। यदि घी जल्दी जलता है, तो यह मिलावटी हो सकता है।

स्टार्च परीक्षण:
एफएसएसएआई के अनुसार, यदि आपको संदेह है कि घी में स्टार्च मिलाया गया है, तो एक चम्मच घी को कांच की गिलास में डालें और उसमें एक से दो बूंद आयोडीन मिलाएं। यदि घी मिलावटी है, तो रंग तुरंत बदल जाएगा।

नकली घी से बचना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कदम है। सही जानकारी और सतर्कता से आप शुद्ध और स्वस्थ देसी घी का सेवन कर सकते हैं। हमेशा विश्वसनीय स्रोतों से खरीदारी करें और मिलावट की पहचान के लिए घर पर सरल परीक्षण करें। आपकी सेहत आपके हाथ में है!

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