हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव उठनी एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु, जिन्हें श्री हरि भी कहा जाता है, 120 दिनों की योग निद्रा से जागते हैं। वर्ष 2024 में, यह पर्व 12 नवंबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। देव उठनी एकादशी को विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि इसी दिन से चातुर्मास का समापन होता है, और सभी मांगलिक कार्यों, जैसे विवाह, गृह प्रवेश, और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की शुरुआत होती है।
इस दिन से जुड़े धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, समुद्र मंथन से प्राप्त वस्तुओं में से किसी एक को तिजोरी में रखने से व्यक्ति की सोई हुई तकदीर जाग उठती है। समुद्र मंथन के दौरान 14 अमूल्य रत्न प्रकट हुए थे, और ऐसा माना जाता है कि इनमें से एक वस्तु को तिजोरी में रखने से धन, समृद्धि और सुख-शांति का आगमन होता है। आइए विस्तार से जानें कि समुद्र मंथन की कौन-सी वस्तुएं देव उठनी एकादशी पर तिजोरी में रखना विशेष लाभकारी माना गया है।
माता लक्ष्मी की मूर्ति
समुद्र मंथन से माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था। अगर देव उठनी एकादशी पर माता लक्ष्मी की सुंदर मूर्ति लाकर घर की तिजोरी में रखी जाए, तो धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
अमृत कलश
भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। मान्यता है कि जिस घर में देव उठनी एकादशी के दिन अमृत कलश की स्थापना की जाती है, वहां से दुख दूर हो जाते हैं और घर में बरकत बनी रहती है।
कौस्तुभ मणि
कौस्तुभ मणि की उत्पत्ति भी समुद्र मंथन से हुई थी। जिस घर की तिजोरी में कौस्तुभ मणि रखी जाए, उस घर की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ रहती है।
ऐरावत हाथी
ऐरावत हाथी भी समुद्र मंथन से उत्पन्न हुआ था और देखने में बहुत सुंदर होता है। घर की तिजोरी में यदि ऐरावत हाथी स्थापित किया जाए, तो घर में सुख-समृद्धि का प्रकाश फैलता है और धन की बरसात होती है।
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