पूजन के दौरान इन छोटी-छोटी बातों का रखें विशेष ध्यान, जरूर मिलेगा फल

पूजन के दौरान इन छोटी-छोटी बातों का रखें विशेष ध्यान, जरूर मिलेगा फल
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यह तो आप भी जानते होंगे कि जीवन का दूसरा नाम परेशानी है। परेशानी व्यक्ति के जीवन का एक अभिन्न अंग है। क्योंकि इंसान के जीवन में समस्याओं का अंबार है एक समस्या खत्म नहीं होती और दूसरी समस्या दरवाजे पर खड़ी हो जाती है। इनमें से कुछ समस्या का समाधान मनुष्य खुद कर लेता है और कुछ समस्या ऐसी होती है जिनका समाधान मनुष्य के बस के बाहर होता है। और फिर वह इन समस्या के समाधान के लिए भगवान कि शरण में जाता है और पूजा-पाठ शुरू कर देता है लेकिन उसकी पूजा पाठ से उसकी समस्या का समाधान हो जाता है लेकिन इतना समय हो जाता है कि वह समस्या खुद खत्म हो जाती है. आज हम आपको कुछ ऐसी ही बातों के विषय में चर्चा करने वाले हैं। जिनकी सहायता से भगवान की आराधना में आपको तुरन्त फल की प्राप्ति होगी। तो चलिए देखते है कौन सी वह बातें है जो आपको तुरन्त फल की प्राप्ति दिलाएंगी।

पूजा चाहे कोई भी हो, सभी में चावल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। लेकिन ध्यान रहे कि पूजा में जिन भी चावलों का प्रयोग हो, वह अखंडित हों अर्थात टूटे हुए न हों। चावल चढ़ाने से पहले अगर आप उन्हें हल्दी के घोल से पीला कर लेते हैं तो यह और भी शुभ है। कभी भी धार्मिक कार्य के लिए किसी खंडित वस्तु, जैसे टूटे दीपक आदि का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।

सदैव दाएं हाथ की अनामिका एवं अंगूठे की सहायता से फूल अर्पित करने चाहिए। चढ़े हुए फूल को अंगूठे और तर्जनी की सहायता से उतारना चाहिए। फूल की कलियों को चढ़ाना मना है,किंतु यह नियम कमल के फूल पर लागू नहीं है।

शिव जी को विल्व पत्र,विष्णु जी को तुलसी,गणेश जी को हरी दूर्वा,दुर्गा को अनेक प्रकार के पुष्प और सूर्य को लाल कनेर के पुष्प प्रिय हैं। शिवजी को सदाबहार पुष्प,विष्णु को धतूरा और देवी को आक के पुष्प नहीं चढ़ाए जाते। 

एक घर में कम से कम पांच देवी देवताओं की पूजा होनी ही चाहिए-गणेश,शिव,विष्णु,सूर्य,दुर्गा। किसी भी देव या देवी के पूजन के प्रति संकल्प,एकाग्रता,श्रद्धा होना बहुत ही आवश्यक है।

घर में मंदिर कुछ ऐसे स्थापित किया जाना चाहिए जहां ताजी हवा और सूरज की रोशनी पहुंचती हो। जिन घरों में सूर्य की किरणों का प्रवेश होता है उन घरों में दोष तो वैसे ही समाप्त हो जाते हैं।

भगवान शिव को कभी हल्दी या शंख से जल नहीं चढ़ाना चाहिए। पूजन स्थल की पवित्रता का हमेशा ध्यान रखें, चप्पल या फिर चमड़े की किसी वस्तु को पूजा स्थल में प्रवेश ना दें।

अगर आप घी का दीपक जला रहे हैं तो उसमें सफेद रूई की बत्ती का उपयोग करें, वहीं अगर आप तेल का दीपक जलाते हैं तो लाल रंग की बत्ती उपयुक्त रहती है।

पूजा में पान का पत्ता बहुत उपयोगी माना गया है। पान के पत्ते में इलायची, लौंग, गुलकंद आदि भी डालकर पूजा करेंगे तो यह और शुभ होगा।

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