दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल उप राज्यपाल के दफ्तर में धरना देकर बैठ गए है. जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री शिला दीक्षित ने कहा है कि कोई मुख्यमंत्री इस तरह धरना दे ये शोभा नहीं देता है. मैं समझती हूं इसका मैसेज अच्छा नहीं जाता है. एलजी और ब्यूरोक्रेट्स पर आरोप सच्चाई है या काम न करने का बहाना है? अभी तक तो आपको काम करने दे रहे थे, साढ़े तीन साल हो गए हैं. फिर अचानक क्या हो गया कि आप कह रहे हैं कि काम नहीं करने दिया जा रहा है. जिस स्थान पर मुख्यमंत्री हैं और जिस स्तर पर एलजी हैं, उन्हें आपस में बातचीत कर मामले को निपटा देना चाहिए. ऐसे थोड़े होता है कि धरने पर बैठ जाएं.'
केजरीवाल के अफसरों और एलजी से सहयोग न मिलने के आरोप पर शीला दीक्षित ने कहा, 'किस सपोर्ट की बात कर रहे हैं केजरीवाल? ऐसी कौन सी चीज है जो इनको नहीं दी जा रही? क्या इन्हें संवैधानिक सुविधाएं नहीं दी जा रहीं? आपको काम नहीं करने दिया जा रहा हो तब तो आप कह सकते हैं कि सपोर्ट किया जाए. आपकी अपनी सरकार है तो किसलिए सपोर्ट मांग रहे हैं?' 'मैं केजरीवाल को सुझाव नहीं दे सकती, वे सबको सुझाव दे सकते हैं. '
'आपको पता है कि आपके कितने अधिकार हैं, कितने आपके कर्तव्य हैं. क्या आप कर सकते हैं. क्या आपको किसी से पूछ कर करना पड़ता है. पुलिस आपके अंडर नहीं है. लॉ एंड ऑर्डर आपके अंडर नहीं है लेकिन इसका ये मतलब थोड़े है कि पुलिस का आप कुछ कर ही नहीं सकते. अगर पुलिस से आपको कोई शिकायत है तो बोलिए कि पुलिस को यह करना चाहिए. लेकिन ऐसे धरने पर बैठने से क्या लाभ मिल रहा है. क्या फायदा हो रहा है. लोगों को क्या राहत मिल रही है. '
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