नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल (AAP) सरकार द्वारा की गई बस खरीद मामले से संबंधित घोटाले की जाँच CBI को सौंप दी है। इसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं की समस्या बढ़ सकती हैं। यहां मामला दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के लिए खरीदी गईं 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद से संबंधित है। बता दें कि इसके पहले उपराज्यपाल ने दिल्ली में हुए शराब घोटाले की जाँच भी CBI को सौंप दी थी। इस मामले में CBI ने दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर छापेमारी भी की थी।
बता दें कि LG वीके सक्सेना बस खरीद घोटाले की जाँच CBI को सौंपने का फैसला राज्य के मुख्य सचिव की रिपोर्ट मिलने के बाद लिया है। उपराज्यपाल द्वारा यह फैसला लेते ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। भाजपा और AAP ने एक-दूसरे पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। LG के इस फैसले पर AAP ने कहा कि बसों की कभी खरीद हुई ही नहीं, क्योंकि उसका टेंडर ही निरस्त कर दिया गया था। AAP की सरकार ने कहा कि दिल्ली को और शिक्षित उपराज्यपाल की आवश्यकता है, क्योंकि वर्तमान उपराज्यपाल को पता नहीं नहीं कि वे किस चीज पर दस्तखत कर रहे हैं। केजरीवाल सरकार ने यह भी कहा कि CM, डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ बेबुनियाद शिकायत के बाद अब चौथे मंत्री की शिकायत की जा रही है। इस तरह की जाँचों का कोई परिणाम नहीं निकला है।
बता दें कि, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार के मामले में पिछले 4 महीनों से जेल में हैं, उन्हें जमानत नहीं मिल पा रही है। दरअसल, जैन ने ED द्वारा की गई पूछताछ में कहा था कि, 'उनकी याददाश्त जा चुकी है और उन्हें कुछ भी याद नहीं है।' ऐसे में उनकी जमानत बार-बार अटक रही है। सीएम केजरीवाल ने जैन को भी कट्टर ईमानदार बताते हुए उन्हें पद्मविभूषण देने की मांग की थी।
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