नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच पोस्टर वार के बाद अब एक नई राजनीतिक लड़ाई शुरू हो गई है। इस बार केंद्र में है ‘Unbreakable’ नामक डॉक्यूमेंट्री, जिसके नायक अरविंद केजरीवाल हैं, उन्हें एक अटूट योद्धा की तरह दिखाया गया है। इस डॉक्यूमेंट्री ने चुनावी माहौल को गर्मा दिया है।
डॉक्यूमेंट्री का उद्देश्य केजरीवाल को एक ‘अटूट’ नेता के रूप में पेश करना बताया जा रहा है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इसे किसने बनवाया है, लेकिन इसे आम आदमी पार्टी (AAP) का प्रयास माना जा रहा है, जो अपनी सत्ता बचाने की कोशिश कर रही है। पार्टी के मुताबिक, यह डॉक्यूमेंट्री उन घटनाओं पर आधारित है, जब AAP नेताओं को जेल जाना पड़ा था। इसे ऐसे समय में लाने का मकसद जनता की सहानुभूति बटोरना हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि, इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग शनिवार सुबह 11:30 बजे होनी थी, लेकिन इससे पहले दिल्ली पुलिस ने इस पर रोक लगा दी। आम आदमी पार्टी ने इस कदम को बीजेपी की साजिश करार दिया है। पार्टी का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने थिएटर मालिकों को धमकाया कि वे डॉक्यूमेंट्री न दिखाएं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने अपने बयान में साफ किया कि डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी। पुलिस ने कहा, “चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को सभी कार्यक्रमों के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) के सिंगल विंडो सिस्टम से अनुमति लेनी होती है। बिना अनुमति के स्क्रीनिंग कराना नियमों का उल्लंघन है।”
आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी चुनावी माहौल में उनकी लोकप्रियता को कम करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं, बीजेपी ने AAP पर चुनाव से ध्यान भटकाने और सहानुभूति की राजनीति करने का आरोप लगाया है। बता दें कि, दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान होना है, जबकि मतगणना 8 फरवरी को होगी। आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। कांग्रेस भी पूरी ताकत के साथ मैदान में है, हालांकि चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, मुख्य मुकाबला AAP और बीजेपी के बीच है।
बीजेपी ने इस बार 68 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जबकि दो सीटें अपने सहयोगी दलों—जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी—को दी हैं। दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस सभी 70 सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ रही हैं। ‘Unbreakable’ डॉक्यूमेंट्री के जरिए केजरीवाल को एक अडिग और संघर्षशील नेता के रूप में दिखाने की कोशिश की गई है। लेकिन यह पैंतरा कितना असरदार साबित होगा, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे। फिलहाल, इस डॉक्यूमेंट्री ने दिल्ली की सियासत में नई गर्मी जरूर ला दी है।