चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच गठबंधन के टूटने के आसार नजर आ रहे हैं। AAP के दो वरिष्ठ नेताओं के हालिया बयानों से इस गठबंधन की संभावनाओं पर सवाल उठने लगे हैं। AAP सांसद संजय सिंह ने बयान दिया कि पार्टी ने हरियाणा चुनावों के लिए पूरी तैयारी कर ली है और अब बस पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की स्वीकृति का इंतजार है। उन्होंने यह भी बताया कि संगठन का काम पूरा हो चुका है, और जैसे ही हरी झंडी मिलेगी, AAP की उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी जाएगी।
संजय सिंह ने कहा कि नामांकन की अंतिम तारीख 12 सितंबर है और पार्टी को अब ज्यादा समय नहीं बचा है। AAP सभी सीटों के लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है, और केजरीवाल से अंतिम निर्णय मिलते ही उम्मीदवारों की सूची सार्वजनिक की जाएगी। इसी दौरान, हरियाणा में AAP के प्रमुख सुशील गुप्ता ने भी स्पष्ट किया कि अगर उन्हें गठबंधन को लेकर कोई सूचना नहीं मिलती है, तो पार्टी सभी 90 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर देगी। उन्होंने कहा कि उन्हें हाईकमान से गठबंधन पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है, और यदि आज खबर नहीं आई, तो शाम तक AAP अपनी सूची जारी कर देगी।
जब पूरी दिल्ली ऑक्सीजन के लिए तड़प रही थी,
— Panchjanya (@epanchjanya) March 22, 2024
तब केजरीवाल शराब पॉलिसी बना रहा था,
और शराब घोटाले का पर्दाफ़ाश ना दिल्ली के विधायकों ने किया ना सांसदों ने इसका पर्दाफ़ाश कॉंग्रेस पार्टी ने किया है।
: सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस प्रवक्ता (पुराना वीडियो) pic.twitter.com/CPajq5QrjA
इस घटनाक्रम ने कांग्रेस और AAP के गठबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, यह वही कांग्रेस है जिसने सबसे पहले दिल्ली शराब घोटाले को उजागर किया था और अरविंद केजरीवाल को भ्रष्टाचार का दोषी ठहराते हुए उनका इस्तीफा मांगा था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उस वक्त AAP पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब वही कांग्रेस, AAP के साथ गठबंधन करने की कोशिश में है ताकि वोटों का बंटवारा ना हो और किसी भी तरह सत्ता प्राप्त की जा सके। दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल, जिन्होंने अपनी राजनीतिक शुरुआत सोनिया गांधी और कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर की थी, अब कांग्रेस के साथ गठबंधन के लिए तैयार दिखाई देते हैं। केजरीवाल ने कहा था कि सोनिया गांधी को गिरफ्तार करो, पूछताछ करके जेल में डालो, सब भ्रष्टाचार सामने आ जाएगा। लेकिन अब दोनों सत्ता के लिए एक साथ आने को तैयार हैं।
2015 – भ्रष्ट सोनिया गांधी को गिरफ़्तार करो।
— CA Rajkumar Dohare (@DohareCa) March 31, 2024
2024 – श्रीमती केजरीवाल उसी भ्रष्ट सोनिया गांधी की मदद ले रहि है। pic.twitter.com/nx0MQ70byK
यह स्थिति जनता के मन में कई सवाल खड़े करती है। क्या कांग्रेस और AAP पहले सच बोल रहे थे, जब वे एक-दूसरे को भ्रष्ट कह रहे थे, या अब सच बोल रहे हैं, जब वे मिलकर गठबंधन बनाना चाहते हैं? पहले दोनों पार्टियां एक-दूसरे को भ्रष्टाचार का प्रतीक मानती थीं, लेकिन अब वही पार्टियां साथ आकर सत्ता में आने की कोशिश कर रही हैं। जनता के मन में यह सवाल भी उठता है कि क्या यह केवल सत्ता की भूख और मिलकर शासन करने की योजना है, जिसमें दोनों पार्टियां मिल-बांटकर सत्ता का लाभ उठाना चाहती हैं?
इस तरह की राजनीति में नैतिकता और ईमानदारी की क्या भूमिका रह जाती है, जब राजनीतिक विरोधी एक साथ आकर अपने पुराने बयानों और आरोपों को नजरअंदाज कर देते हैं? क्योंकि भ्रष्टाचार के आरोप दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं पर हैं। राहुल-सोनिया जहाँ हज़ारों करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले में जमानत पर हैं, वहीं केजरीवाल शराब घोटाले में जमानत मांग रहे हैं।
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