![केजरीवाल ईमानदार, मोदी-राहुल बेईमान..! दिल्ली में AAP का नया पोस्टर](https://media.newstracklive.com/uploads/national-news/Jan/25/big_thumb/dstgery_679499a540789.jpg)
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते सियासी हलचलें तेज हो गई हैं। इस बार चुनावी अखाड़े में आम आदमी पार्टी (AAP) ने कांग्रेस पर अचानक हमले शुरू कर दिए हैं। शनिवार सुबह AAP ने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बेईमानों की सूची में शामिल कर दिया गया। इस पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद तीसरे नंबर पर राहुल गांधी की फोटो थी। यह पोस्टर AAP की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, खासकर दिल्ली के चुनावी माहौल को देखते हुए।
एक अकेला पड़ेगा सब पर भारी ???? pic.twitter.com/5jkvWaDXt4
— AAP (@AamAadmiParty) January 25, 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव में सियासी समीकरण पल-पल बदल रहे हैं। AAP अब न सिर्फ बीजेपी, बल्कि कांग्रेस के उम्मीदवारों से भी कड़ी टक्कर ले रही है। AAP को डर है कि अगर राहुल गांधी के नेतृत्व में मुस्लिम अल्पसंख्यक और दलित वोटर कांग्रेस की ओर रुख करते हैं, तो दिल्ली में उनकी जीत की संभावनाएं कमजोर हो सकती हैं। यही वजह है कि AAP ने राहुल गांधी को नरेंद्र मोदी, अमित शाह, बीजेपी नेताओं के साथ खड़ा करके उन्हें अपने वोट बैंक से दूर रखने की रणनीति अपनाई है। हालांकि, इस पोस्टर वॉर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को AAP ने छेड़ा नहीं है।
कुछ महीनों पहले तक कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन था, लेकिन अब दिल्ली में दोनों पार्टियों के बीच खुला युद्ध देखने को मिल रहा है। कांग्रेस को अच्छी तरह से पता है कि जब तक वह AAP के वोट बैंक में सेंध नहीं लगाएगी, तब तक दिल्ली में उसकी वापसी नामुमकिन है। इसलिए कांग्रेस के बड़े नेता लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं का दावा है कि अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार के कार्यकाल में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए थे, जिनकी रिपोर्टें सीएजी (कैग) ने भी पेश की हैं। इसके अलावा, अरविंद केजरीवाल का दिल्ली विधानसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित से मुकाबला हो रहा है।
एक समय था जब अरविंद केजरीवाल 2013 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के झंडे के साथ उतरे थे और उन्होंने ततकालीन केंद्र सरकार कांग्रेस को भ्रष्टाचारी घोषित किया था और सोनिया गांधी को गिरफ्तार करने की मांग की थी। उस समय उनकी पार्टी को बड़ी संख्या में सीटें मिली थीं, लेकिन अब वह खुद भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए हैं। इस बार चुनावी समीकरण में बदलाव हो चुका है, क्योंकि अब अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं। यही कारण है कि उनकी चुनौती यह है कि वह खुद को ईमानदार साबित करें और बाकी पार्टियों के नेताओं को बेईमान बताएं।
दिलचस्प यह है कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान जब केजरीवाल जेल में थे, तो राहुल गांधी उनकी रिहाई की मांग करते हुए हाथों में तख्ती लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। उसी समय केजरीवाल भी कांग्रेस का खुलकर समर्थन कर रहे थे। लेकिन अब, दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय दोनों एक दूसरे को बेईमान कहने लगे हैं। इससे जनता हैरान है और यह सवाल उठा रही है कि क्या राहुल गांधी और केजरीवाल पहले सच बोल रहे थे, या अब? क्या राजनीति में सच के लिए कोई जगह नहीं है, बस सत्ता हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जाना है?
इस सियासी टकराव ने दिल्ली की जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है, क्योंकि अब यह सवाल उठता है कि जो नेता एक वक्त में साथ थे, अब क्यों एक दूसरे को बेईमान साबित करने पर तुले हैं। यह पूरा घटनाक्रम राजनीति की असल तस्वीर को उजागर करता है, जहां सच्चाई और नैतिकता से ज्यादा सत्ता की होड़ महत्वपूर्ण बन चुकी है।