बैंगलोर: कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय पार्टी का तमगा हासिल करने के लिए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पूरी जान लगा दी है। निर्वाचन आयोग की तरफ से अभी तक AAP को राष्ट्रीय दल का दर्जा नहीं मिला है। जिसके बाद अब केजरीवाल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के पास जाकर गुहार लगाई है कि वो इस संबंध में आदेश जारी करे। हाईकोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को सुनने के बाद निर्वाचन आयोग को आदेश दिया है कि वो 13 अप्रैल या उससे पहले इस बारे में फैसला ले। हाईकोर्ट में AAP की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के दिवाकर पेश हुए। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की बेंच ने याचिका की सुनवाई की।
वरिष्ठ अधिवक्ता के दिवाकर ने जस्टिस एम नागप्रसन्ना से कहा कि Election Symbols (Reservation and Allotment) Orders of 1968 के सेक्शन 6(b) के तहत कानून बनाया गया है कि देश के 4 सूबों दिल्ली, पंजाब, गुजरात और गोवा में 6 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त करने वाली पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा प्रदान किया जाए। 19 दिसंबर 2022 को AAP ने निर्वाचन आयोग के समक्ष पेश होकर अपना दावा पेश किया था। मगर, जब लंबे अरसे तक कोई फैसला नहीं आया, तो AAP ने 6 फरवरी, 8 और 15 मार्च को चुनाव आयोग को रिमाइंडर भेजकर याद दिलाया कि वो इस संबंध में कोई फैसला करे।
दरअसल, AAP की दलील है कि 4 राज्यों में 6 फीसदी से अधिक वोटों के साथ दिल्ली और पंजाब में वह सत्ता में है। लिहाजा उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलना चाहिए। AAP का कहना है कि निर्वाचन आयोग किसी दबाव के तहत ये फैसला करने से गुरेज कर रहा है। AAP ने कर्नाटक उच्च न्यायालय से गुहार लगाई गई कि वो इस संबंध में कोई आदेश जारी करे। न्यायमूर्ति नागप्रसन्ना ने AAP की दलील को सही मानते हुए चुनाव आयोग को कहा कि वो 13 अप्रैल तक इसका निराकरण करें। अदालत का कहना था कि यदि नियमों के मुताबिक, AAP को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया जा सकता है तो आयोग फ़ौरन फैसला करे।
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