नई दिल्ली: जैसे-जैसे दिल्ली विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक हलचल तेज हो रही है। हर नेता अपनी रणनीति तैयार करने में जुटा है। इस बीच, आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का सहारा लिया है।
दरअसल, बीते दिनों राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह के एक बयान के कुछ अंशों को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, और विपक्ष इसे संविधान और बाबा साहेब का अपमान बता रहा है। इस मुद्दे को भुनाने में अब आम आदमी पार्टी ने भी एंट्री कर ली है। आम आदमी पार्टी (AAP) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में अरविंद केजरीवाल कहते हुए दिखाई दे रहे हैं, "मुझे शक्ति दीजिए बाबा साहेब, ताकि मैं उनसे लड़ सकूं जो आपका और आपके संविधान का अपमान करते हैं।"
जय भीम???? pic.twitter.com/7LerAkbhwO
— AAP (@AamAadmiParty) December 19, 2024
इस बयान के जरिए केजरीवाल ने खुद को संविधान का रक्षक और बाबा साहेब का अनुयायी दिखाने की कोशिश की है। लेकिन सवाल उठता है कि यह राजनीति में एक नई शुरुआत है या फिर चुनावी गणित का हिस्सा? दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखें नजदीक हैं। ऐसे में अरविंद केजरीवाल का यह वीडियो यह संकेत देता है कि वे संविधान बचाओ की लड़ाई को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। यह वही केजरीवाल हैं, जो पहले धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करते थे, लेकिन अब बाबा साहेब के नाम पर जनता की सहानुभूति पाने की कोशिश कर रहे हैं।
इससे पहले विपक्ष इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा था। अब अरविंद केजरीवाल भी इस लड़ाई में कूद गए हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या केजरीवाल की यह चाल उन्हें सत्ता बचाने में मदद करेगी? या यह केवल एक चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा? दिल्ली की राजनीति में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का नाम हमेशा से अहम रहा है। कई दल उनकी विरासत को अपनाने का दावा करते रहे हैं। लेकिन क्या अरविंद केजरीवाल का यह कदम उन्हें फिर से सत्ता दिला पाएगा?
ये तो चुनावी नतीजे ही तय करेंगे कि जनता बाबा साहेब के नाम पर केजरीवाल को वोट देती है या नहीं। फिलहाल, केजरीवाल ने विपक्ष की रणनीति को अपनाते हुए संविधान बचाने की लड़ाई का हिस्सा बनने का दावा किया है।