नई दिल्ली: AAP के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की OBC लिस्ट में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भी पात्र लिख दिया है। केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा है कि सेंट्रल गवर्नमेंट ने बीते 10 वर्षों में जाट समाज के साथ धोखा देने का काम कर रही है। सेंट्रल गवर्नमेंट के वादे के कारण से दिल्ली के OBC समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय भी किया जा रहा है।
केजरीवाल ने पत्र में लिखते हुए कहा है कि 'एक अहम् विषय पर 10 वर्ष पहले आपका किया वादा आपको याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किये जाने पर चिंता जाहिर की। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कॉलेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।'
केजरीवाल ने अपनी बात को जारी रखते हुए पत्र में लिखा है कि 'फिर 8 फरवरी 2017 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यूपी चुनाव से पहले चौधरी बीरेंद्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की मीटिंग बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।'
AAP National Convenor Arvind Kejriwal writes to PM Modi to include the Jat community of Delhi in the Center's OBC list pic.twitter.com/c7LZfux0yK
— ANI (@ANI) January 9, 2025
केजरीवाल ने अपनी बात को बढ़ाते हुए लिखा है कि, 'ओबीसी आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं। जैसे कि मुझे पता चला कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है, लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज को दिल्ली यूनिवर्सिटी में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है क्योंकि आपकी सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है। ये तो दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा है। और भाजपा की केंद्र सरकार पिछले 10 सालों से लगातार ये धोखा कर रही है। सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।'
उन्होंने अपने पत्र में आगे लिखा है कि 'दिल्ली में केंद्र सरकार की सात यूनिवर्सिटी हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के दर्जनों कॉलेज हैं। सफदरजंग, राम मनोहर लोहिया, दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, जैसे सेंट्रल गवर्नमेंट के कई संस्थानों में नौकरियां हैं जिनमें सेंट्रल गवर्नमेंट के नियम लागू हो रहे है। ऐसे में सेंट्रल गवर्नमेंट की इस वादाखिलाफी के कारण से दिल्ली के OBC समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय भी किया जा रहा है। दिल्ली में जाट समाज व OBC की 5 अन्य जातियों के साथ सेंट्रल गवर्नमेंट का ये पक्षपातपूर्ण रवैया इन जातियों के युवाओं को शिक्षा और रोजगार के उचित अवसर हासिल नहीं होने दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार को तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण का लाभ देना चाहिये।