नई दिल्ली. अब तक दिल्ली पर अधिकार को लेकर उपराज्यपाल से उलझने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से बड़ा सवाल कर लिया है. सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की वकील इंदिरा जयसिंह ने पूछा है कि देश के संविधान या संसद ने ऐसा कोई कानून पास किया है जो दिल्ली को देश की राजधानी घोषित करता हो?
बता दे कि मंगलवार को बहस के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि केंद्र और राज्य के बीच कार्यकारी शक्तियों के बंटवारे पर संवैधानिक योजना को क्या केंद्र शासित क्षेत्र दिल्ली पर भी लागू किया जा सकता है? क्या दिल्ली को भी अन्य राज्यों की तरह कार्यकारी शक्तियां मिल सकती हैं?
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह की दलीलें सुनने के बाद यह सवाल किया.
इस पर जयसिंह ने कहा कि राजधानी किसी कानून से परिभाषीत नहीं हो सकती, कल केंद्र सरकार राजधानी को कहीं और ले जाने का फैसला भी कर सकती है. साथ ही संविधान यह भी नहीं कहता कि राजधानी दिल्ली होनी चाहिए. जयसिंह ने आगे कहा कि हम जानते हैं कि अंग्रेज देश की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली लेकर आए थे. हालांकि एक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली अधिनियम है लेकिन इसमें भी दिल्ली को भारत की राजधानी नहीं बताता है.
जयसिंह ने कहा, केंद्र कैसे कह सकता है कि आप (दिल्ली सरकार) के पास कार्यकारी शक्ति नहीं है. मैं विधायी शक्तियों पर इस स्थिति को समझ सकती हूं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 239 एए और दिल्ली सरकार की कार्यकारी शक्तियों की व्याख्या के दौरान न्यायालय को दिल्ली के केंद्र शासित क्षेत्र होने की शब्दावली को लेकर दिशा निर्देशित नहीं किया जाना चाहिए. साथ ही, राज्य और केंद्र के बीच जिम्मेदारियों की अस्पष्टता नहीं होनी चाहिए.
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