संयुक्त राष्ट्र में भी गूंजा केजरीवाल का नाम, गिरफ़्तारी पर UN ने दिया ये बयान

संयुक्त राष्ट्र में भी गूंजा केजरीवाल का नाम, गिरफ़्तारी पर UN ने दिया ये बयान
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नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक खातों को फ्रीज करने के आरोपों के बीच भारत में "राजनीतिक अशांति" पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि विश्व निकाय ने भारत और अन्य देशों में चुनावों के दौरान लोगों के "राजनीतिक और नागरिक अधिकारों" की सुरक्षा की आशा व्यक्त की है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव  एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि, "हमें पूरी उम्मीद है कि भारत में, चुनाव वाले किसी भी देश की तरह, राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा।" दरअसल, लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले दिल्ली शराब घोटाला में 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया था। वह फिलहाल केंद्रीय जांच एजेंसी की हिरासत में है। हालाँकि, उन्हें समन तो काफी पहले से दिए जा रहे थे, लेकिन केजरीवाल उनमे शामिल ही नहीं हो रहे थे। केजरीवाल हाई कोर्ट चले गए थे और गारंटी मांगी थी कि अगर एड गिरफ्तार न करे, तो मैं पूछताछ में जाऊँगा। लेकिन हाई कोर्ट ने सबूत देखने के बाद उन्हें गिरफ्तारी से राहत देने से मना कर दिया था। आखिरकार 9 समन के बाद ED ने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया। 

इसके बाद दिल्ली सीएम ने दो बार जमानत के लिए भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अदालत ने फिर से ED द्वारा पेश किए गए तथ्यों को देखकर जमानत देने से इंकार कर दिया। इस बीच, कांग्रेस ने आरोप लगाया कि आयकर विभाग ने उनके बैंक खाते सील कर दिए हैं, जिससे उनके पास संसदीय चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं बचे हैं। हालाँकि, इनकम टैक्स विभाग की जांच को रुकवाने पहुंची कांग्रेस की याचिका भी हाई कोर्ट से ख़ारिज हो चुकी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने भारत के आंतरिक मामले में दखल दिया है, जहाँ पूरी प्रक्रिया अदालती कार्रवाई के जरिए हो रही है। 

संयुक्त राष्ट्र की यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी पर संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी के इसी तरह के बयानों के बाद आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि वे केजरीवाल की गिरफ्तारी पर "बारीकी से निगरानी" कर रहे हैं और "निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रिया" को प्रोत्साहित कर रहे हैं। बयान पर भारत का विरोध दर्ज कराते हुए नई दिल्ली ने एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक को तलब किया। इसके कुछ घंटों बाद, बुधवार को अमेरिका ने पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं का आह्वान करते हुए वही रुख दोहराया।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि, “मैं किसी निजी राजनयिक बातचीत के बारे में बात नहीं करने जा रहा हूँ। लेकिन निश्चित रूप से हमने सार्वजनिक रूप से जो कहा है, वही मैंने अभी यहां से कहा है, कि हम निष्पक्ष, पारदर्शी, समय पर कानूनी प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करते हैं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए और हम निजी तौर पर भी यही बात स्पष्ट करेंगे।

वहीं, जर्मन विदेश मामलों के प्रवक्ता ने एक बयान में यह भी कहा था कि "न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांतों से संबंधित मानक" केजरीवाल के मामले में लागू किए जाएंगे। इसके बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने जर्मन दूतावास के एक वरिष्ठ राजनयिक को बुलाकर देश की टिप्पणियों पर अपना विरोध दर्ज कराया और इसे "आंतरिक मामलों में खुला हस्तक्षेप" बताया। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की उत्पाद शुल्क नीति को तैयार करने और क्रियान्वित करने में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है, जिसे जांच के आदेश होते ही रद्द कर दिया गया था।

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